Saturday, June 21, 2025
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क्रांतिधरा के चिड़ियाघर की अटकी फाइल

  • चिड़िया घर के लिए वन विभाग ने प्रस्ताव बनाकर भेजा था शासन को
  • संजय वन में बन सकता है यह चिड़ियाघर

जनवाणी संवाददाता  |

मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक भी चिड़िया घर नहीं है, लेकिन उसको ध्यान में रखते हुए मेरठ में मिनी चिड़िया घर बनाने का प्रस्ताव वन विभाग की ओर से 2021 में तैयार कर प्रदेश सरकार को भेजा गया था। जिसके लिए वन विभाग की ओर से जमीन भी चिन्हित कर ली गई थी और उसके लिए संजय वन का चुनाव किया गया था, लेकिन दो साल से मेरठ के मिनी चिड़िया घर की फाइल शासन में अटकी हुई है।

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बता दें कि विधानसभा चुनाव सपंन होने के बाद फिर से प्रदेश में भाजपा सरकार आने पर वन विभाग और मेरठ वासियों को आस जग गई थी कि अब मेरठ में मिनी चिड़िया घर बनने का सपना फिर से पूरा हो सकेगा। मगर संजय वन में बनने वाले चिड़िया घर की फाइल अभी तक शासन में हटकी हुई है। वन विभाग अधिकारियों को उम्मीद है कि क्रांतिधरा को जल्द ही चिड़िया घर की सौगात मिल सकती है।

मेरठ में पश्विमी उत्तर प्रदेश का यह पहला चिड़ियाघर बनेगा। हालांकि चिड़िया घर के निर्माण को लेकर वर्ष 2021 में भी चर्चाए रही लेकिन अब प्रदेश में भाजपा सरकार फिर से आने के बाद 2022 में इसके बनने की पूरी-पूरी उम्मीद की जा रही है। शासन की ओर से इसके निर्माण को लेकर पहले ही स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है अब केवल बजट आने का इंतजार है। चिड़ियाघर का नाम लेते ही बच्चों के चेहरे मुस्कान आ जाती हैं, लेकिन मेरठ और उसके आसपास के अधिकतर बच्चे चिड़ियाघर में जानवरों को देख नहीं पाते है।

ऐसे में चिड़ियाघर बनने से वन्य जीवों के बारे में न सिर्फ यहां के छात्र-छात्राओं को जानने को मिलेगा बल्कि पर्यटन की स्थिति से मेरठ के लिए यह बड़ी सौगात होगी। प्रदेश में अभी दो चिड़िया घर कानपुर और लखनऊ में है। गोरखपुर में चिड़ियाघर बनाने का काम चल रहा है।

प्रदेश सरकार पचिश्मी उत्तर प्रदेश में भी एक चिड़ियाघर बनाना चाहती है। मेरठ में यह चिड़ियाघर दिल्ली रोड स्थित संजय वन में बनाया जाएगा। संजय वन 23 हैक्टेयर एरिया में फैला हुआ है। यहां कनेक्टिीविटी की समस्या भी नहीं है क्योंकि यह शहर से एक सटा हुआ है। चिड़ियाघर यहां बनता है तो आने जाने वालों को सुविधा रहेगी।

डीएफओं राजेश कुमार ने बताया कि अभी लिखित में हमारे पास शासन से पत्र नहीं आया हैं, लेकिन हमने चिड़ियाघर के लिए जगह चिन्हित कर ली है। संजय बन में पहले से भी जानवर रहा करत थे ऐसे में यह सबसे अच्छी जगह हो सकती है।

पहले भी था संजय वन में चिड़ियाघर

वन अधिकारियों के मुताबिक पहले भी संजय वन में मिनी चिड़ियाघर हुआ करता था। जहां 1992 तक मिनी चिड़ियाघर था। उसमें सैकड़ों प्रकार के पक्षी हिरन, खरगोश, लोमड़ी और यहां तक की मगरमच्छ भी था।

जलीय जीवों का बड़ा हेबिटेट है मेरठ

मेरठ हस्तिनापुर सेंचुरी जलीय जीवों का बड़ा हेबिटेट है। गंगोटिक डॉल्फिन पाई जाती है। यहां एक समय उद बिलाव भी बड़ी संख्या में होते थे। घड़ियाल और कछवे भी काफी संख्या में पाए जाते थे। इसलिए चिड़ियाघर में इस प्रकार के जीवों को रखा जाएगा। जिन्हें बच्चे देख उनकी जानकारी ले सकें।

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