जनवाणी ब्यूरो |
बलरामपुर: उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के एक्शन प्लान एवं लल्लू सिंह माननीय अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण / जनपद न्यायाधीश बलरामपुर के दिशा-निर्देशों के अनुक्रम में “नए कानून पर विशेष जोर के साथ बच्चों का अधिकार, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 और बाल मजदूरों की रोकथाम,यूपी मुष्यमन्त्री बाल सेवा योजना पर विशेष जोर” पर एक विधिक साक्षरता व जागरूकता शिविर विमल प्रकाश आर्य सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण / अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश बलरामपुर की अध्यक्षता में एम. एल. के. पी. जी. कॉलेज बलरामपुर में आयोजित किया गया, जिसमे सचिव द्वारा उपस्थित छात्र-छात्राओं को बच्चों के अधिकारों के विषय में अवगत कराते हुये भारत के संविधान में वर्णित अनुच्छेद 23 एवं अनुच्छेद 24 के बारे मे विस्तार से बताया गया। इसके पश्चात बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए श्रेणीबद्ध कई कानूनी प्रावधानों के विषय में जागरूक करते हुये लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012″ के विषय में जानकारी दी गई। स्थायी लोक अदालत, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019, दिनांक- 13.05 2023 को आयोजित होने वाली लोक अदालत व अन्य विषयों के बावत संक्षेप में बताया गया। इसी क्रम में उ.प्र. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना” के विषय में अवगत कराया गया कि इस योजना में कोरोना की वजह से निराश्रित – लावारिस हुए बच्चों को लाभ मिलेगा, यह योजना निराश्रित हुए बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा और सुरक्षा के लिए है। शिविर मे प्रो० श्रीप्रकाश मिश्र, लेफ्टिनेंट (डॉ) देवेन्द्र कुमार चौहान (एसोसिएट एन सी सी ऑफिसर), डॉ रमेश शुद्र (कार्यक्रम अधिकारी NSS), डॉ सुनील शुक्र (सह परीक्षा प्रभारी), डॉ स्वदेश भट्ट (अध्यक्ष, मनोविज्ञान विभाग), डॉ आशीष कुमार लाल, डॉ कृतिका तिवारी, डॉ पी एन पाठक, राजर्वि मणि तिवारी, श्रीनारायण सिंह, विद्यार्थीगण व पी.एल.वी. उपस्थित रहे, जिनके द्वारा कॉलेज के समस्त छात्र-छात्राओं को उक्त विषयों के संबंध में जानकारी दी गई।
इसके पश्चात विषय लैंगिक समानता के प्रावधानों का प्रचार। महिलाओं की सुरक्षा और कल्याण से संबंधित कानूनों के प्रति जागरूकता और महिला स्वच्छता और सैनिटरी नैपकिन से संबंधित जागरूकता” पर एक विधिक साक्षरता व जागरूकता शिविर महिला अस्पताल बलरामपुर में आयोजित किया गया, जिसमें सचिव द्वारा छात्र-छात्राओं को लिंग समानता के विषय में अवगत कराते हुये बताया गया कि भारत के संविधान में वर्णित प्रावधानों यथा अनुच्छेद 14- विधि के समक्ष समानता, अनुच्छेद 15- धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग और जन्म स्थान आदि के आधार पर भेदभाव नहीं किया जायेगा, अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के विषय में अवसर की समानता, अनुच्छेद 17- छुआछूत (अस्पृश्यता) का अन्त आदि के विषय में समझाया गया। घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण पारिवारिक विवादों के समाधान हेतु आदि जागरूक किया गया। शिविर में डॉ. सारिका, ए.एन.एम., पी.एल.वी., महिला मरीज व तीमादार उपस्थित रहे।
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