Saturday, June 28, 2025
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जमीन पर कब्जा लेने पहुंचे अफसरों को झेलना पड़ा विरोध

  • बड़ी मशक्कत के बाद आपसी सहमति से पिलर लगाने को राजी

जनवाणी संवाददाता |

नागल: विकासखंड क्षेत्र के गांव लाखनौर में रेलवे विभाग एवं प्रशासनिक अधिकारियों को मुश्किलों से दो-चार होना पड़ा। दरअसल, रेलवे फ्रेट कॉरिडोर में अधिग्रहण की गई जमीन पर अधिकारी कब्जा लेने पहुंचे थे। ऐसे में किसानों एवं भाकियू के विरोध का सामना करना पड़ा। बाद में भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी विनय कुमार एवं अधिकारियों के बीच वार्ता हुई, तब जाकर मामला सुलटा।

गांव लाखनौर में रेलवे विभाग द्वारा मालगाड़ियों के गलियारे के लिए किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया गया था। इसके अधिक मुआवजे को लेकर किसान आंदोलित थे और जब भी फ्रेट कॉरिडोर निर्माण कंपनी इन जमीनों पर काम करने के लिए पहुंचती तो किसान लाठी-डंडों को लेकर विरोध पर उतर आते थे और काम करने से रोक दिया करते थे।

किसान अमित रोड़, गोपाल सिंह, भोपाल सिंह, जसबीर सिंह, धनराज रोड़, सुनील रोड़, रमेश फौजी, पारस सिंह, रविकुमार, सुखपाल, देशराज, करणपाल आदि का कहना था कि देवबंद और मुजफ्फरनगर के किसानों को हमारे से ज्यादा मुआवजा दिया गया है। उन्हें भी उसी दर से रेलवे विभाग मुआवजे का भुगतान करे जबकि रेलवे अधिकारियों का कहना था कि एनसीआर क्षेत्र का मुआवजा सहारनपुर क्षेत्र में नहीं दिया जा सकता।

सर्किल रेट के अनुसार सभी जगहों के अलग-अलग मुआवजे की दरें सरकार द्वारा निर्धारित हैं । इसी बात को लेकर रेलवे विभाग और किसानों में गतिरोध बना हुआ है। फ्रेट कॉरिडोर का अधिकतर काम हो चुका है ,लाखनौर के पास यह काम किसानों के कारण बाधित चल रहा था। इसे लेकर शनिवार को सहारनपुर का जिला प्रशासन भारी पुलिस फोर्स एवं आसपास के थानों के पुलिस बल को लेकर रेलवे विभाग को भारी मशीनों के साथ कब्जा दिलवाने पहुंचा था।

यहां पर किसानों ने पुलिस बल का दबाव बढ़ते देख भारतीय किसान यूनियन के नेताओं को मौके पर बुला लिया। इस पर हुई समझौता वार्ता में यह तय पाया गया कि किसानों द्वारा बोई गई धान आदि की फसलों को काटने का समय दिया जाएगा और उससे पहले अधिग्रहित की गई भूमि पर निशानदेही कर रेलवे अपने पिलर गाड़ सकता है।

दोनों पक्षों की सहमति के बाद रेलवे विभाग के लोगों ने काम शुरू किया। इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अशोक कुमार मीणा, प्रशिक्षु सिटी मजिस्ट्रेट अनिल कुमार, एसडीएम सदर, चंद्रपाल शर्मा पुलिस उपाधीक्षक सदर, राकेश कुमार सिंह एसडीएम देवबंद, रजनीश उपाध्याय पुलिस उपाधीक्षक देवबन्द एवं प्रशासनिक अधिकारियों व रेलवे कॉरीडोर के अधिकारी मौजूद थे। तय पाया गया कि आपसी सहमति से पिलर लगाए जाएंगे।

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