जनवाणी संवाददाता |
नकुड: दशलक्षण पर्व की महिमा का वर्णन करते हुए बताया गया कि कुछ भी मेरा नहीं है ऐसा व्यवहार और भाव रखना उत्त्तम आकिंचन है।पर्यूषण पर्व के नौवें दिन श्री दिगंबर जैन आदिनाथ मंदिर एवं चंद्रप्रभु चैतालय में उत्त्तम आकिंचन धर्म की विधिवत पूजा – प्रक्षाल के साथ- साथ नेमिनाथ भगवान व 24 तीर्थंकर भगवान की शांतिधारा व जलाभिषेक के साथ सम्यक दर्शन,सम्यक ज्ञान की पूजा की गई।
विजय जैन,नमिसागर जैन ने धर्म चर्चा करते हुए उत्त्तम आकिंचन धर्म की विशेषता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उत्त्तम आकिंचन धर्म का पालन करने से इंसान 84 लाख योनियों से मुक्त होकर जन्म मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है और श्रेष्ठ पद प्राप्त करता है।रात्रि में जैन मिलन द्वारा प्रश्न मंच प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतियोगिता संयोजक पीयूष जैन,शिवम जैन,वर्धन जैन द्वारा पूछे गए धार्मिक और सामान्य ज्ञान पर आधारित प्रश्नों के सही उत्तर देकर प्रतियोगियों ने दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में संदीप जैन, प्रीतम प्रसाद जैन, संजीव जैन, पंकज जैन,आशीष जैन, राजीव जैन, राजेश जैन, मुकेश जैन, शिवम जैन, साक्षी जैन, मणि जैन, निशा जैन, राखी जैन, नीलम जैन, संयम जैन, वर्षा जैन,प्रतिभा जैन,अभिषेक जैन,अनिता जैन,मानसी जैन,आयुषी जैन,डोली जैन,बबिता जैन, नीतू जैन आदि का सहयोग रहा।