वार्ड-48: पार्षद का रिपोर्ट कार्ड
- नालों के ओवरफ्लो होने से हलकी सी बारिश में बन जाता है तालाब
- गर्ल्स कालेज के पास खत्ता, सड़कों की हालत बदतर, ग्रीन बैल्ट पर अतिक्रमण
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: नगर निगम की उपेक्षा ने वार्ड-48 को बर्बादी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। बारिश मौसमी हो या फिर बेमौसमी एक घंटे में माधवपुरम की सड़कें तालाब का रुप ले लेती है और घरों में लोगों के पानी भर जाता है। स्थानीय पार्षद के पास लोग मदद के लिये जाते हैं तो बेबस पार्षद सिवाय नगर आयुक्त की उपेक्षा का रोना रोने के अलावा कुछ नहीं कर पाती है। वार्ड के विकास का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि पार्षद ने पूरे पांच साल में सिर्फ तीन करोड़ का विकास कार्य भी नहीं करा पाई है।
60 हजार की आबादी वाले वार्ड-48 में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। वार्ड-एक, वार्ड-दो और वार्ड-तीन और चार के अलावा सरस्वती लोक का पूरा क्षेत्र भी इसी वार्ड में आता है। माधवपुरम के वार्ड तीन की हालत सबसे ज्यादा बदतर है। वार्ड की 90 प्रतिशत सड़कों की हालत बेहद खराब है और उनकी मरम्मत हुए भी काफी समय हो चुका है। वार्ड एक में बिजलीघर के पास आवास विकास परिषद के कामर्शियल प्लाट में बना तालाब पूरे वार्ड की बर्बादी का गवाह बना हुआ है। बिजलीघर के पास एक साल से अधिक का समय हो गया है
जब सड़क गड्ढे में तब्दील हुई है। नगर निगम की तरफ से जो टाइल्स बिछाई गई वो 20 टायरा ट्रक के एक दबाव ने जमींदोज कर दी। सड़कों की बर्बादी का एक कारण यह भी है कि नाले ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बह रहे हैं। यही कारण है कि थोड़ी सी बारिश में एसएल स्कूल वाले पार्क की कालोनी में दो फीट पानी भर जाता है। पूर्व नगर आयुक्त मनीष बंसल ने खुद आकर जलभराव और नालों की समस्या देखी थी और फाइल भी तैयार करवाई थी,
लेकिन नये नगर आयुक्त अमितपाल शर्मा ने नालों की फाइल को पूरी तरह से आलमारी में बंद कर दिया है। पूर्व पार्षद राकेश शर्मा के समय में ग्रीन बैल्ट के चारों तरफ बाउंड्री बनाई गई थी और उसमें पौधरोपण करके खूबसूरत बनाया गया था, लेकिन अब इन ग्रीन बैल्टों में नर्सरी वालों ने अवैध कब्जा कर लिया है।
पूरे ग्रीन बैल्ट को खत्ता बना दिया गया है और नाले का पानी उसमें हमेशा भरा रहता है। रही सही कसर रैपिड के कारण हो रही है। रैपिड के कारण नाले का एक साइड छोटा हो गया है जिस कारण से आसपास के सात वार्डों का पानी इसमें जोड़ दिया गया है इस कारण जलभराव की समस्या बनी रहती है।
पार्षद का कहना है
नगर आयुक्त से कई बार कह चुकी हूं कि नाले की समस्या के लिये प्रौजेक्ट बनाइये ताकि लोगों को जलभराव से मुक्ति मिल सके, लेकिन नये नगर आयुक्त कुछ भी करने को तैयार नहीं है। पांच साल के कार्यकाल में खत्ते को हटवाने में सफलता मिली है और कुछ जगहों पर सड़कें भी बनवाई है। तीन करोड़ के विकास कार्य कराएं है। -शिखा सिंघल, पार्षद वार्ड-48
विकास के नाम पर माधवपुरम को पिछड़ा वार्ड बना दिया गया है। सड़कों की बदहाली देखकर अंदाज लगाया जा सकता है कि पार्षद ने कितना काम किया होगा। नाले ओवरफ्लो, सड़कों पर जलभराव और गंदगी के ढेर बता रहे हैं कि वार्ड के साथ पांच साल तक मजाक किया गया है। -तरुण गोयल, पूर्व पार्षद