- गांव मुज्जकीपुर में 23 मई को एचटी लाइन ठीक करते दौड़ा था बिजली करंट
- संविदा लाइनमैन ने आॅन रिकॉर्ड लिया था गेझा सब स्टेशन से शटडाउन
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: आंधी-तूफान में क्षतिग्रस्त बिजली की 33 हजार की लाइन को गांव मुज्जकीपुर में ठीक करते समय अचानक करंट दौड़ने से जान गंवाने वाले संविदा लाइनमैन के पीड़ित परिजनों की तहरीर पर एक पखवाड़ा बाद भी परतापुर थाना पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की है। हादसे में आला अफसरों की गर्दन फंसने के कारण पुलिस रिपोर्ट दर्ज होने पर मृतक आश्रितों को आर्थिक सहायता में बाधा की बात कर रही है। इसको लेकर ग्रामीण थाना प्रभारी निरीक्षक से मिले, लेकिन वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
जनपद में गत 22 मई को तेज आंधी तूफान आया था। इससे बड़ी संख्या में विद्युत पोल और लाइन क्षतिग्रस्त हो गई थी। बिजली विभाग के कर्मचारियों को लाइन दुरुस्त करने में तीन दिन का समय लग गया था। सब स्टेशन गेझा के संविदा लाइनमैन अखिल पुत्र यशपाल सिंह निवासी ग्राम अमानुल्लापुर, थाना जानी खुर्द गत 23 मई को परतापुर थाना क्षेत्र के गांव मुज्जकीपुर में 33 हजार की क्षतिग्रस्त को ठीक कर रहा था। इससे पहले उसने आॅन रिकॉर्ड सब स्टेशन गेझा से शटडाउन भी लिया था। सहायक के रूप में उसके साथ राहुल व साहिल थे। एचटी लाइन ठीक करते समय अचानक लाइन में करंट दौड़ गया था जिससे संविदा लाइनमैन अखिल की करंट लगकर झुलसने से मौत हो गई थी।
इसको लेकर जिला पंचायत सदस्य सम्राट मलिक ने सुभारती हॉस्पिटल पर ग्रामीणों के साथ हंगामा प्रदर्शन भी किया था। साथ ही, परतापुर थाना पुलिस से आरोपी बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराए जाने की मांग की थी। इस मामले में मृतक के भाई शिवम चौधरी ने बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ परतापुर थाने पर तहरीर दी थी। बिना रिपोर्ट दर्ज किए अखिल का पोस्टमार्टम हुआ, लेकिन पोस्टमार्टम में भी आला अफसरों के इशारे पर ‘खेल’ हो गया। करंट से मौत के मामले में पोस्टमार्टम में अखिल की मौत का कारण अस्पष्ट बताते हुए बिसरा पिजर्व कर जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिया गया।
साथ ही, संदेह प्रकट किया गया की मौत जहर के सेवन से हो सकती है। पूरे मामले में सहायक लाइनमैन राहुल व साहिल को नजरअंदाज कर दिया गया। दरअसल, संविदा लाइनमैन अखिल ने आॅन रिकॉर्ड शटडाउन ले रखा था। इस मामले हादसे के दिन जनवाणी को एक लाइनमैन ने शटडाउन लेने तथा जेनरेटर की लाइन एचटी लाइन पर डालने के बाद करंट दौड़ने की बात कही थी। साथ ही, जनरेटर के लाइन में दौड़े करंट से संविदा लाइनमैन अखिल की मौत होना बताया था। इस तरह से पूरे मामले में आला अफसरों की गर्दन फंस रही है, इसलिए रिपोर्ट दर्ज करने के नाम पर गेंद जिलाधिकारी और संबंधित एसडीएम के पाले में डाली जा रही है।
पुलिस का कहना है रिपोर्ट डीएम-एसडीएम के आदेश पर ही दर्ज हो सकती है। अगर रिपोर्ट दर्ज हुई तो फिर मृतक आश्रित को आर्थिक सहायता मिलने में अड़चन का सामना करना पड़ सकता है इसलिए तब तक मामले को ऐसे ही चलने दें। इस मामले में रविवार को अमानुल्लापुर के ग्राम प्रधान जितेंद्र के अलावा विशाल चौधरी, रविंद्र सिंह, विशाल चौधरी एडवोकेट, तेजेंद्र, शिवम चौधरी, अशोक चौधरी, अंकित चौधरी, मनोज कुमार, सोहनपाल आदि थाना प्रभारी निरीक्षक से मिले, लेकिन उन्होंने कोई संतोष जनक जवाब नहीं दिया।