Saturday, August 23, 2025
- Advertisement -

देश में पोलियो कार्यक्रम का दायरा सिमटेगा!

  • हाई प्रायोरिटी ब्लॉक में ही चला करेगा अब कार्यक्रम
  • सरकार इस पर तेजी से कर रही है काम

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: पोलियो फ्री कंट्री का तमगा हासिल करने के बाद अब भारत में धीरे धीरे पल्स पोलियो प्रतिरक्षण अभियान का दायरा सिमटने की तैयारी कर ली गई है। सरकार इस पर तेजी से काम भी कर रही है। सूत्रों के अनुसार जो पोलियो अभियान पहले पूरे देश में आयोजित किए जाते थे अब उनकी संख्या सीमित की जा रही है। इस अभियान का दायरा अब सिर्फ कुछ संवेदनशील क्षेत्रों तक ही सीमित होकर रह जाएगा।

पोलियो कार्यक्रम से जुड़े कुछ बड़े अधिकारियों के तथ्यों पर यदि विश्वास करें तो इसके लिए सरकार ने यह दलील दी है कि जब देश में रुटीन इम्यूनाईजेशन (आरआई) अथवा टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसमें सभी बच्चों को पोलियो वैक्सीन भी दी जा रही है तो ऐसे में पल्स पोलियो प्रतिरक्षण कार्यक्रम अलग से चलाने का अब कोई औचित्य नहीं रह जाता, लिहाजा इस कार्यक्रम के बाइन्ड अप की तैयारी कर ली गई है।

उधर, डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) से जुड़े कुछ सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि अब धीरे धीरे देश में पोलियों कार्यक्रम लगभग समाप्ति की ओर है। इनका मानना है कि जिस प्रकार सरकार भविष्य में पोलियो कार्यक्रम को सिर्फ हाई रिस्क एरिया (एआरए) अथवा हाई प्रायोटी ब्लॉक में ही चलाने की रणनीति पर तेजी से काम कर रही है उससे यह समझा जा सकता है कि अब देश से पोलियो कार्यक्रम की शीघ्र विदाई बेला भी नजदीक है।

देश में जब पल्स पोलियो प्रतिरक्षण अभियान शुरु हुए थे तब साल में कम से कम आठ पोलियो राउंड हुआ करते थे जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अलावा डब्ल्यूएचओ से लेकर यूनिसेफ व कई अन्य बड़े संगठन इसमें अपनी भागेदारी विस्तृत रूप से सुनिश्चत करते थे। देश को पोलियो फ्री का तमगा मिलने के बाद से ही पोलियो अभियानों में कमी आने लगी और अब स्थिति यह है कि साल में एक या दो पोलियो राउंड ही आयोजित किए जाते हैं।

सूत्रों के अनुसार वर्तमान में जो पोलियो अभियान कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं उनमें भी करोड़ों रुपया खर्च हो रहा है और यह पूरा अंशदान केन्द्र सरकार के खाते से हो रहा है जबकि पूर्व में पोलियो अभियानों को डब्ल्यूएचओ व यूनिसेफ के साथ साथ विभिन्न संगठनों की फंडिंग भी होती थी।

सरकार की सीधी दलील यह है कि जब प्रत्येक बुधवार व शनिवार को विशेष टीकाकरण अभियानों का आयोजन होता है तो ऐसे में अलग से पोलियो प्रोग्राम चलाने का कोई औचित्य नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि अब सिर्फ पोलियो के आधार पर संवेदनशील क्षेत्रों में ही पोलियो अभियान चलाए जांएगे और दूसरे इलाकों की मेन पावर को यहां इस्तेमाल किया जाएगा ताकि इन क्षेत्रों में जो गिने चुने विरोधी परिवार बचे हैं उन्हें भी शून्य किया जा सके।

spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

CBI Raid: बैंक धोखाधड़ी मामले में आरकॉम और अनिल अंबानी के परिसरों पर CBI की छापेमारी

जनवाणी ब्यूरो | नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने...

Zayed Khan: तलाक के सालों बाद भी बरकरार है बॉन्डिंग, जायेद ने की ऋतिक–सुजैन की तारीफ

नमस्कार, दैनिक​ जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...
spot_imgspot_img