जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: आज गुरूवार 1 मई 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की न्यायिक जांच के लिए दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया। बताया जा रहा है कि, याचिका में मांग की गई थी कि एक सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग गठित किया जाए, जो इस हमले की जांच करे। इसके अलावा, याचिका में केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से कश्मीर में अन्य पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी मांग की गई थी।
जज आतंकी मामलों की जांच के विशेषज्ञ नहीं
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ताओं को फटकार लगाते हुए कहा कि जज आतंकी मामलों की जांच के विशेषज्ञ नहीं हैं। इस महत्वपूर्ण समय में देश के हर नागरिक ने आतंकवाद से लड़ने के लिए हाथ मिलाया है। कोर्ट ने पूछा कि क्या वे सुरक्षा बलों का मनोबल गिराना चाहते हैं। कोर्ट ने उनसे ऐसे मुद्दों को न्यायिक क्षेत्र में नहीं लाने को कहा।
कोर्ट ने क्या कहा?
जस्टिस सूर्यकांत और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने पहलगाम हमले की जांच की निगरानी के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने याचिकाकर्ता फतेह कुमार साहू और अन्य को जनहित याचिका वापस लेने के लिए कहा। शीर्ष कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे इस मुद्दे की संवेदनशीलता को समझें और अदालत में ऐसी कोई अपील न करें, जिससे सुरक्षा बलों का मनोबल गिरे।
आप जहां जाना चाहते हैं वहां जाएं
पीठ ने याचिकाकर्ताओं में से एक से कहा, ‘आप सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच करने के लिए कह रहे हैं। वे जांच में विशेषज्ञ नहीं हैं। वे केवल निर्णय दे सकते हैं और किसी मुद्दे पर निर्णय ले सकते हैं। हमें आदेश पारित करने के लिए मत कहिए। आप जहां जाना चाहते हैं, वहां जाएं। बेहतर होगा कि आप वापस चले जाएं।’