Wednesday, August 27, 2025
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सीबीएसई 12वीं परिणाम: जानिए- मॉडरेशन का मतलब, ऐसे जारी होगा परीक्षाफल

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा 12वीं के परिणामों की गणना के लिए 16 जुलाई (दोपहर) से 22 जुलाई की मध्यरात्रि तक परिणाम पोर्टल खोल दिया है ताकि स्कूलों को कक्षा 10वीं और 11वीं के अंकों का मॉडरेशन पूरा करने की अनुमति मिल सके।

बोर्ड ने एक आधिकारिक नोटिस में कहा, “यदि कोई विद्यालय निर्धारित समय सीमा के भीतर मॉडरेशन पूरा करने में विफल होता है, तो उनका परिणाम 31 जुलाई के बाद अलग से घोषित किया जाएगा।”

क्यों दिए निष्पक्षता के साथ अंक देने के निर्देश

सीबीएसई ने अपने आधिकारिक सर्कुलर में कहा कि कक्षा 11 और 12 के अंकों को मॉडरेट करना एक “बड़ी जिम्मेदारी” होगी। स्कूलों की नीति में किसी भी तरह के अंतर की वजह से कुछ छात्रों लाभ या नुक्सान हो सकता है। इसलिए स्कूलों को अनिवार्य रूप से निष्पक्ष तरीके से अंक देने के लिए कहा गया है। ताकि किसी भी छात्र को किसी भी तरह का नुकसान या फायदा न हो।

मॉडरेशन क्या है?

इस वर्ष स्कूलों को अंकों की गणना करनी है। लेकिन देश के सभी स्कूलों में समानता की कमी होनी की वजह सीबीएसई की मूल्यांकन नीति पर कई लोगों ने चिंता जताई है। दरसअल, देश के विभिन्न विद्यालयों द्वारा आयोजित परीक्षाओं के लिए तैयार किए गए प्रश्न पत्रों के कठिनाई स्तर, मोड और अन्य मापदंडों में काफी अंतर होता है।

जिसकी वजह से परिणामों में अंतर आने की बहुत ज्यादा संभावना है। बता दें कि कक्षा बारहवीं का परिणाम तैयार करने के लिए कक्षा 11वीं और 12वीं के 70 फीसदी अंक लिए जा रहे हैं। जिसकी गणना स्कूलों द्वारा की जानी है।

हालांकि परिणाम की सही रूप से गणना हो यह सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक स्कूल में एक समिति का गठन किया गया है। वहीं निष्पक्ष और पारदर्शी परिणाम मॉडरेशन सुनिश्चित करने के लिए कक्षा 11वीं और कक्षा 12वीं के अंकों को अन्य छात्रों के स्तर तक बढ़ाने के लिए स्केलिंग करना पड़ सकता है।

उदाहरण के साथ समझिए मॉडरेशन पॉलिसी

सीबीएसई दस्तावेज़ में कहा गया है, “पिछले तीन वर्षों की बोर्ड परीक्षा में स्कूल के प्रदर्शन को 2020-2021 के अंकों को मॉडरेट करने के लिए एक रिफ्रेंस के तौर पर लिया जाएगा।

उदाहरण के तौर पर अगर किसी विद्यालय का 2017-2018 में औसत 72 फीसदी विद्यार्थियों ने परीक्षा पास की है, 2018-2019 में 74 फीसदी और 2019-20 में 71 फीसदी, तो विद्यालय मॉडरेशन के लिए 2018-19 के विषयवार औसत का उपयोग करेगा।

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