Monday, July 1, 2024
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काम कर गया परिवहन निगम का ई-टिकटिंग का वैकल्पिक सिस्टम

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  • हर रीजन में एक-एक डिपो में शुरू हुई ईटीएम व्यवस्था के बाद छोटे रूट पर उठी मांग

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: यूपी रोडवेज के ई-टिकटिंग सिस्टम को लेकर विभाग द्वारा शुरू की गई वैकल्पिक व्यवस्था कारगर रही है। प्रथम चरण में हर रीजन से एक-एक डिपो को ट्रायल के तौर पर लेकर परिचालकों को ईटीएम उपलब्ध कराने के बाद अन्य डिपो में छोटे रूट पर ईटीएम देने की मांग उठाई गई है।

मेरठ परिक्षेत्र के सेवा प्रबंधक लोकेश राजपूत ने बताया कि 25 अप्रैल से हैक किए गए विभाग के ई टिकटिंग सर्वर को रिकवर करने के साथ-साथ संबंधित कंपनी ने विकल्प के रूप में दूसरे सर्वर का सहारा लिया है। जिसके पहले चरण में प्रदेश के हर परिक्षेत्र से एक-एक डिपो में ट्रायल के तौर पर ईटीएम दी गई हैं।

विभाग की यह वैकल्पिक व्यवस्था काम कर गई है। गुरुवार और शुक्रवार को कहीं से सर्वर या मशीनों को लेकर कोई शिकायत नहीं मिली है। इसके चलते अन्य डिपो के अधिकारियों ने भी छोटे मार्गों पर टिकट बनाने के लिए ईटीएम दिए जाने का अनुरोध मुख्यालय से किया है। जहां से शीघ्र व्यवस्था सुचारू होने का आश्वासन मिला है।

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बताते चलें कि यूपी रोडवेज की ई-टिकटिंग व्यवस्था का रखरखाव करने वाली फर्म की नवी मुंबई स्थित कंपनी में सेंध लगाकर विदेशी हैकरों ने 25 अप्रैल से टिकटिंग सर्वर के डाटा को इनक्रिप्ट कर रखा है। जिसको ठीक करने की एवज में हैकरों ने 40 करोड़ रुपये क्रिप्टो करेंसी की डिमांड रखी हुई है। इस बीच हैकिंग मामले में निगम के प्रबंध निदेशक संजय कुमार को भी हटाया जा चुका है।

बिजली विभाग को अधिकारी ही लगा रहे चूना, जिम्मेदार मौन

बिजली में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है, कहीं बिना अनअपू्रव्ड कॉलोनी में जेई सेटिंग करके बिना एस्टिमेट के ही कनेक्शन जारी कर देते है, तो कहीं ट्रांसफार्मर कम लगाकर बिल्डरों को लाभ पहुंचाया जाता है। अब एक नया मामला सामने आया है, जब उपभोक्ता को गुमराह करते हुए जेई ने दो केवी की जगह एक केवी का कनेक्शन जारी कर दिया।

इसके बदले जेई ने एक संविदाकर्मियों के द्वारा उपभोक्ता से सुविधाशुल्क भी वसूला। पीड़ित की शिकायत पर जांच कमेटी भी बनी और जांच भी हुई। आरोप है जांच कमेटी ने जांच में बड़ा खेल करते हुए जेई के पक्ष में रिपोर्ट दे दी। पीड़ित ने सीएम पोर्टल पर शिकायत कर जेई के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई है।

यह है मामला

शीशमहल कॉलोनी लाला का बाजार निवासी सचिन गुप्ता ने बताया वह 2 केवी के बिजली कनेक्शन के लिए घंटाघर बिजली घर के जेई सुनील कुुमार से मिला था। इस दौरान जेई को बताया गया था कि उपभोक्ता अपने घर में एयर कंडीशनर भी चलाएगा, जिसके लिए 2केवी का कनेक्शन चाहिए। आरोप है जेई ने सचिन को गुमराह करते हुए 1 केवी के कनेक्शन पर एसी चलाने की सुविधा उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।

साथ ही इसके लिए पांच हजार रूपये सुविधा शुल्क के रूप में भी वसूले गए। यह भी कहा गया कि 1 केवी के कनेक्शन पर आप 3 केवी का लोड भी चला सकते है इसके बदले एक हजार रूपये प्रति माह देने होंगे, जबकि बिल 1केवी के लोड के मुताबिक ही आता रहेगा। इसके बाद 12 हजार 209 रूपये का बिल बनाया गया। इतना बिल बनाने पर जब पीड़ित ने सवाल उठाया तो उससे 5 हजार रूपये लेकर सैटलमेंट करने को कहा गया।

पीड़ित ने 5 हजार रूपये दे दिए और उसकी रसीद प्राप्त की। इसके बाद हर माह जेई सुनील कुमार लाइनमैन प्रदीप कुमार के द्वारा एक हजार रूपये प्रतिमाह लेने लगा। कुछ समय बाद पीड़ित ने एक हजार रूपये की रसीद मांगी तो लाइनमैन ने जेई से बात करने को कहा। इसके बाद कई बार यही सिलसिला चलता रहा।

लेकिन एक हजार की रसीद मांगने पर जेई ने अभ्रदता करते हुए मीटर रीडर से 15,500 रूपये का बिल बनावा दिया। साथ ही अभद्रता करते हुए कहा गया कि यह बिल तो तुम्हे भुगतना ही पड़ेगा वर्ना बिजली चोरी में जेल जाना होगा। पीड़ित ने इसकी शिकायत सीएम से की जिसके बाद जांच कमेटी बनी।

पुलिस से बनवाया जा रहा दबाव

पीड़ित सचिन कुमार का आरोप है जेई सुनील कुमार ने ब्रह्मपुरी थाने के एक दरोगा से भी उसे फोन कराया था जिसमें जेल भिजवाने की धमकी दी गई है। पीड़ित इस घटना के बाद से काफी डरा हुआ है।

जांच कमेटी पर भी खेल करने का आरोप

सचिन ने शिकायत के बाद बनी जांच कमेटी पर भी सवाल उठाए है। उसका आरोप है जांच कमेटी ने उससे जो भी साक्ष्य मांगे उसने वह सभी उपलब्ध करा दिए। बावजूद इसके जांच कमेटी ने जेई को निर्दोष बताते हुए रिपोर्ट उसके पक्ष में बना दी है। अब पीड़ित ने फिर से जांच कराने की मांग व इंसाफ की गुहार लगाते हुए सीएम पोर्टल पर शिकायत की है।

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