हम प्राय: सुनते रहते हैं और कहते भी हैं कि ईश्वर जो करता है हमारे अच्छे के लिए ही करता है। कहने-सुनने में तो यह बहुत अच्छा लगता है परन्तु जब इसका अभ्यास करने की बारी आती है तो हम बगलें झाँकने लगते हैं। उस समय हमें लगता है कि हमें ही परीक्षा में क्यों डाला जा रहा है? दुनिया में बहुत से और भी लोग हैं। उनकी परीक्षा लो न। उस समय हम भूल जाते है कि जन्म से मृत्यु तक न जाने हम कितनी परीक्षाओं से गुजरते हैं।
कुछ परीक्षाओं में हम पास होते हैं और कुछ में फेल। जब तक पास न हो जाएं, तब तक परीक्षा देनी पड़ती है। ईश्वर हमेशा ही हमारी भलाई करता है परन्तु हम अज्ञानी उसकी महानता को समझ नहीं पाते और उस पर दोषारोपण करते हुए उसे कोसते रहते हैं।
यह सचमुच ही ईश्वर का चमत्कार है जिसे हमारी स्वार्थी बुद्धि समझ ही नहीं पाती। काल के मुंह में समाता हुआ मनुष्य भी वर्षों तक जीवित रह लेता है। वह प्रभु इतने चमत्कार दिखाता है कि उनका वर्णन भी हम नहीं कर सकते। हम उस प्रभु पर सच्चे मन से यदि विश्वास करते हैं तो वह हमारे सारे बिगड़े हुए काम बना देता है। वह तो इसी प्रतीक्षा में रहता है कि कब मनुष्य उसे सच्चे मन से याद करे और वह उसकी सहायता के लिए आगे हाथ बढ़ाए। वह जगत पिता परमात्मा ही हमारा अन्तिम ठौर है।
दुनिया के सभी रिश्ते-नाते हमारा साथ छोड़ देते हैं परन्तु वह मालिक कभी हमें निराश नहीं करता। जो भी उसे पुकारता हुआ उसकी शरण में जाता है वह उस पर अनुग्रह करता है। हर समय वह हमारे साथ-साथ चलता हुआ हमारी रक्षा करता है। इसीलिए वह जो भी हमारे लिए करता है अच्छा ही करता है। हमें उसके न्याय पर पूरा विश्वास करना चाहिए।
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