- चतुर्वेद परायण महायज्ञ का दूसरा दिन
जनवाणी संवाददाता |
बिनौली: बरनावा के लाक्षाग्रह स्थित श्री महानंद संस्कृत गुरुकुल विद्यालय में चल रहे 62 वें आठ दिवसीय विश्व कल्याण चतुर्वेद पारायण महायज्ञ के दूसरे दिन सोमवार को वैदिक विद्वान आचार्य गुरुवचन शास्त्री ने कहा कि यज्ञ पर्यावरण सुरक्षा का सशक्त माध्यम है। यज्ञ करने से मनुष्य की आत्मिक उन्नति होती है।
यज्ञ के ब्रह्मा गुरुवचन शास्त्री ने वेदोपदेश देते हुए कहा यज्ञ सबसे बड़ा संगतिकरण है। यज्ञ परस्पर बैर भाव को दूर करता है और प्रेम सौहार्द कायम करता है। वर्तमान समय में प्रकृति के साथ छेड़छाड़ के चलते पर्यावरण संतुलन दिनोदिन बढ़ रहा। तथा सामाजिक बुराइया भी बढ़ रही है।
यज्ञ के द्वारा दी जाने वाली आहुति की सुगंधी से पर्यावरण सुरक्षित होता है। साथ ही वेद मंत्रोच्चारण से आत्मिक शुद्धि भी होती है। आचार्य गुरुवचन शाश्त्री ने कहा की वेद परमात्मा की वाणी है। वेद मार्ग पर चलकर ही मानव कल्याण हो सकता है।
योगाचार्य अरविंद शास्त्री, जयवीर दत्त शाश्त्री, सोमदत्त भारद्वाज ने भी वेदोपदेश दिये। आचार्य अंकुर भारद्वाज व सुनील शास्त्री ने ईश भक्ति से ओतप्रोत भजन प्रस्तुत किये।
यशोधर्मा सोलंकी, देवेंद्र शास्त्री, रोहित, धनपाल बैंसला, यशोधर्मा सौलंकी, निमेष शास्त्री, यशपाल सिंह, संजीव आर्य, साधना सौलंकी, अरुण धामा आदि ने यज्ञ में आहुति देकर धर्म लाभ उठाया।