जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: बीते बुधावार शाम उत्तरी महाराष्ट्र के जलगांव जिले से एक ट्रेन में आग लगने की अफवाह फैली। जिसके बाद यात्रियों में दहशत फैल गई। अफवाह से घबराए यात्री ट्रेन से बाहर कूदने लगे। इस दौरान पटरी पर उतरे कुछ यात्री पास की पटरी पर विपरीत दिशा से आ रही दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गए। बताया जा रहा है कि इस हादसे में कम से कम 13 यात्रियों की मौत हो गई है।
मिली रिपोर्ट्स के मुताबिक, हादसा उस समय हुआ, जब 12533 लखनऊ-मुंबई पुष्पक एक्सप्रेस में सवार यात्री आग लगने के डर से जल्दबाजी में बगल की पटरियों पर कूद गए और बंगलूरू से दिल्ली जा रही कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में आ गए।
दुर्घटना में 15 अन्य यात्री घायल हो गए
वहीं, मध्य रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटना में 15 अन्य यात्री घायल हो गए। दुर्घटना उत्तर महाराष्ट्र के जलगांव जिले के पचोरा कस्बे के निकट माहेजी और परधाड़े स्टेशन के बीच हुई। दुर्घटना उस समय हुई, जब शाम करीब 4:45 बजे किसी ने चेन खींच दी, जिसके बाद पुष्पक एक्सप्रेस रुक गई।
कोच में कोई चिंगारी या आग नहीं देखी गई
हालांकि, रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक ने इस बात से इनकार किया कि डिब्बे के अंदर किसी चिंगारी या आग के कारण यात्रियों ने अलार्म बजाया। उन्होंने बताया कि हमें जो सूचना मिली है उसके अनुसार कोच में कोई चिंगारी या आग नहीं देखी गई।
क्या बोले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस?
वहीं, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ट्रेन में कुछ यात्रियों ने गलती से मान लिया कि ट्रेन से धुआं निकल रहा है और वे कूद गए। दुर्भाग्य से वे दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गए। उन्होंने इस त्रासदी में मारे गए यात्रियों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। सेंट्रल सर्किल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त दुर्घटना के कारणों की जांच करेंगे।
घायलों को मिलेगी इतनी रकम
सीएम फडणवीस के अलावा रेलवे बोर्ड ने अलग से मृतकों के परिजनों को 1.5-1.5 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये और मामूली रूप से घायल लोगों के लिए 5,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। जलगांव जिला सूचना अधिकारी युवराज पाटिल ने बताया कि इस हादसे में 12 यात्रियों की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हो गए। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि पुष्पक एक्सप्रेस महज 15 मिनट में ही घटनास्थल से रवाना हो गई, जबकि कर्नाटक एक्सप्रेस को दुर्घटना के 20 मिनट के भीतर ही हटा दिया गया।