Tuesday, December 31, 2024
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फर्जी नियुक्ति में फंसे 13 तत्कालीन सीएमओ! पढ़कर हैरान रह जाएंगे

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: बलिया मुख्य चिकित्साधिकरी (सीएमओ) कार्यालय में हुई 143 कर्मियों की फर्जी नियुक्ति के मामले में मुख्य रूप से तत्कालीन सीएमओ डॉ. प्रदीप कुमार सिंह व डॉ. प्रमोद कुमार सिंह को दोषी करार दिया गया है। इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की संस्तुति की गई है। लेकिन 143 कर्मचारियों की फर्जी नियुक्ति की कार्रवाई की जद में तत्कालीन 13 सीएमओ और सात कर्मचारी आएंगे। सीडीओ की रिपोर्ट में बताया गया है कि नियुक्ति पत्र सत्यापित नहीं है और प्रथम योगदान प्रमाण पत्र भी नहीं है।

इन कर्मचारियों की नियुक्ति के समय बलिया में सीएमओ पद पर डॉ. कृष्ण मुरारी तिवारी, डॉ. उमेश चंद्र, डॉ. सुनील भारती, डॉ. प्रदीप कुमार सिंह, डॉ. प्रमोद कुमार सिंह, डॉ. मंसूर अहमद, डॉ. सुधीर कुमार तिवारी, डॉ. अजय कुमार श्रीवास्तव, डॉ. वीएन सिंह, डॉ. एसपी राय कार्यरत रहे हैं।

इसी तरह स्थापना लिपिक पद पर दयाशंकर वर्मा, मुकेश भारद्वाज, ओम नारायण तिवारी, अवधेश कुमार गुप्ता, नीरज राय, अरुण चौधरी और श्रीराम कार्यरत रहे हैं। अब श्रीराम सेवानिवृत्त हो चुके हैं। जबकि अन्य अलग-अलग जिलों में कार्यरत हैं।

जांच के दौरान पाया गया कि 2009 से 2019 के बीच 143 कर्मचारियों की नियुक्तियां की गईं। पत्रावलियों की पड़ताल में यह बात सामने आई कि इनकी नियुक्ति पत्र का सत्यापन नहीं किया गया।

2015 से पहले डिस्पैच रजिस्टर भी नहीं मिले। नियुक्ति पत्र पर लिखे डिस्पैच नंबर फर्जी लग रहे हैं। प्रथम योगदान पर कार्यभार ग्रहण प्रमाण पत्र भी कोई कर्मचारी उपलब्ध नहीं करा पाया। नियुक्ति पत्र, सेवा वैध्यता संबंधित भी कोई प्रमाण पत्र नहीं मिला है।

जांच के दौरान दोषी पाए गए कर्मचारियों में चार के मामले में तत्कालीन सीएमओ बलिया डॉ. प्रदीप कुमार सिंह एवं 99 कर्मचारियों की नियुक्ति में तत्कालीन सीएमओ डॉ. प्रमोद कुमार सिंह एवं पटल सहायक दयाशंकर वर्मा को दोषी करार दिया गया है।

जांच के आधार पर निदेशक (प्रशासन) ने 40 कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई की संस्तुति की है। इन्हें अंतिम सुनवाई का मौका देकर सेवा समाप्ति की कार्यवाही की जाएगी। इसी तरह 103 कर्मियों को 2010 में जारी शासनादेश के विरुद्ध नियुक्ति किया गया है। इन सभी की तत्काल सेवा समाप्त करने की संस्तुति की गई है।

जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि इन कर्मचारियों से अनियमित रूप से काम लिया गया। पैसे लेकर नियुक्ति की गई। हालांकि जांच कमेटी को किसी कर्मचारी ने इस संबंध में लिखित प्रमाण नहीं दिया है।

जांच रिपोर्ट के आधार पर सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 103 की तत्काल सेवा समाप्ति की कार्रवाई की जाएगी। अन्य को सुनवाई का मौका देने के बाद कार्रवाई होगी। दोषी अधिकारियों पर पर रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।
– डॉ. राजा गणपति आर, निदेशक प्रशासन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं

स्वास्थ्य विभाग में एक के बाद एक जिले में हुई फर्जी नियुक्ति का मामला सामने आ रहा है। मिर्जापुर के बाद अब बलिया में कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। जल्द ही अंबेडकरनगर में 64 चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की फर्जी नियुक्ति के मामले का भी खुलासा होगा।

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