- तालाब में फिर जमी गंदगी की मोटी परत, गंदगी से अटे तालाब पर क्रिकेट खेल रहे बच्चें
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: तालाबों की सफाई को लेकर नपा प्रशासन ने कोई काम नहीं किया है। तालाबों की सफाई के बड़े अभियानों के अभाव में तालाबों की स्थिति सुधर नहीं रही है। नगर में स्थित तालाब की सुध नहीं लेने तालाब में पानी से ज्यादा तो कचरा पटा हुआ है। अक्सर लोग तालाब को देखकर यह कहते हैं कि यह तालाब नहीं खेल का मैदान हैं। इस तालाब का उपयोग लोग कूड़ादान के रूप में करने लगे हैं। कचरे से तालाब पूरी तरह पट चुका है। नगर पालिका की अनदेखी की वजह से तालाब की यह दशा बना हुई है।
तालाब सफाई की दशा में बीते एक साल से नगरपालिका द्वारा कोई काम नहीं किया गया। नई जल संरचनाओं के निर्माण एवं पुराने तालाबों, कुओं के संरक्षण के लिए भारी भरकम बजट खर्च होता है, पर धरातल पर उनकी स्थिति किसी से छिपी नहीं है। शहर के ही कई तालाबों के गहरीकरण, घाटों के निर्माण पर नगर पालिका द्वारा काम कराने के दावे किए जाते हैं, पर उनकी हालत इन दावों से एकदम विपरीत है।
अतिक्रमण, गंदगी एवं उपेक्षा के चलते शहर के कई तालाबों का अस्तित्व ही समाप्त होता जा रहा है। कहीं तालाबों में अतिक्रमण किया जा रहा है तो कही कालोनियों की गंदगी समा रही है। जो तालाब से लबालब रहते थे, वे सूखे पड़े हैं और उनमें कचरा, गंदगी भरी है।
तहसील रोड स्थित तालाब के सौंदर्यीकरण करने के नाम पर नगर पालिका ने 28 लाख रुपये बर्बाद कर दिए। ठेकेदार ने आंशिक भुगतान लेकर कार्य बीच में ही छोड़ दिया। अब यह तालाब फिर से गंदगी से अट गया है। तालाब में गंदगी की इतनी मोटी परत जम गई है कि उस पर बच्चे क्रिकेट खेलते देखे जा सकते हैं। लगातार बोर्ड बैठक में मुद्दा उठने के बाद भी पालिका प्रशासन नोटिस जारी करने से आगे बढ़ने को तैयार नहीं है। कुल मिलाकर जनता की गाढ़ी कमाई गंदगी में तब्दील हो गई।
दरअसल, तहसील रोड पर एक बड़ा तालाब है। करीब एक वर्ष पूर्व अमृत सरोवर योजना के तहत नगर पालिका ने इस तालाब का टेंडर छोड़ा था। ठेकेदार ने तालाब की खुदाई शुरू की और करीब 28 लाख रुपये का आंशिक भुगतान भी ले लिया। इसके बाद से आज तक इस तालाब में कोई काम नहीं हुआ है। तालाब में पानी छोड़ दिया गया। तालाब ओवरफ्लो होकर सड़क पर पाने आने लगा। अब तो इस तालाब में गंदगी की मोटी परत जम गई।
इतनी मोटी परत की उस पर बच्चे क्रिकेट खेलते हैं। कई बार सभासदों ने बोर्ड बैठक में इस मुद्दे को उठाया। ठेकेदार से पैसे की रिकवरी करने की मांग की गई। मगर आज तक नोटिस जारी करने के अलावा कुछ नहीं किया गया। कुल मिलाकर जनता का पैसा गंदगी में तब्दील हो गया। तालाब सौंदर्यीकरण के नाम पर 28 लाख बर्बाद कर दिए गए। इतने के बाद भी तालाब पुरानी हालत से भी खराब स्थिति में पहुंच गया है। अब नगर पालिका नए सीरे से तालाब सौंदर्यीकरण का टेंडर छोड़ने की बात कर रही है। मगर 28 लाख रुपये भुगतान के सवाल का कोई जवाब नहीं है।