Thursday, May 8, 2025
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मेरठ में दो साल में बढ़ी 4000 मेगावाट बिजली की मांग

  • बिजली संकट और गहराया पारा चढ़ने से बढ़ी मुसीबत

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कई दिनों से सूरज की तपिश से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। हालात इतने बदतर हो गए हैं कि घर से बाहर तक गर्मी से लोगों को कहीं निजात नहीं मिल पा रही है। ऊपर से बिजली की आवाजाही और पीने के पानी के संकट ने भी लोगों का सुकून छीन लिया है। दोपहर लोग मजबूरी में ही निकलते हैं। गर्मी से मानव ही नहीं पशु-पक्षी भी बेहाल है।

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लगातार बढ़ रहे तापमान ने बिजली संकट और बढ़ा दिया है। हालत यह है कि मेरठ में चौबीसों घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति के आदेशों के बावजूद कई कई घंटों की कटौती हो रही है। जिला मुख्यालय होने के साथ साथ मेरठ को मंडल मुख्यालय व महानगर का दर्जा प्राप्त है। जिसके चलते मेरठ को बिजली आपूर्ति के लिए 24 घंटे आपूर्ति वाले विशेष श्रेणी के शहरों में रखा गया है। बावजूद इसके यहां पर हालत बदतर हैं।

भीषण गर्मी से आम आदमी हलकान है। उस पर भी अघोषित बिजली कटौती ने मुसीबत बढ़ा दी है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति ज्यादा खराब हुई है। सिंचाई न हो पाने से फसलें सूखने लगी है। उपभोक्ताओं का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को भी पूरी स्थिति की जानकारी है। मामला शासन तक भी पहुंच चुका है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।

दरअसल, पश्चिमांचल के 14 जिलों में इस समय बिजली का लोड 10 हजार मेगावॉट को क्रॉस कर गया है जबकि अब से लगभग दो-तीन साल पहले तक जून के महीने में यही लोड छह-साढ़े छह हजार मेगावॉट के आसपास रहता था। यानि कि बढ़ते हुए तापमान ने मात्र दो सालों में ही बिजली की मांग में 4000 मेगावॉट का इजाफा कर दिया है।

आधिकारिक आंकड़े कुछ, हकीकत कुछ और

बिजली शेड्यूल की अगर बात करें तो आधिकारिक आंकड़े सच्चाई से परे हैं। कई विभागीय अधिकारियों का मानना है कि मेरठ को तय शेड्यूल के अनुसार बिजली आपूर्ति करने की पूरी कोशिश की जा रही है। जबकि हकीकत कुछ और है। शहर की बात करें तो

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यहां पर अलग-अलग कट को मिलाकर तीन से चार घंटों की कटौती हो रही है। जबकि तहसील मुख्यालयों व ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति और भी ज्यादा बदतर है। ग्रामीण इलाकों में तो 10-10 घंटों तक की कटौती हो रही है।

लाइन लॉस पर विभाग की टालमटोल

इस समय बिजली का लाइन लॉस भी बहुत ज्यादा बढ़ गया है। कई स्थानों पर मेंटीनेंस के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। शहर के कई इलाके इस समय बिजली चोरी के लिहाज से विभाग की हिट लिस्ट में तो हैं, लेकिन उन पर अभी तक कोई प्रभाव कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। जिस कारण बिजली चोरों के हौंसले बुलंद हैं।

कंट्रोल रूम में भी शिकायतों का अंबार

बिजली विभाग के कंट्रोल रूम में इस समय शिकायतों का अम्बार है। एक एक दिन में कई कई शिकायतें कंट्रोल रूम में आ रही है, लेकिन इसके बावजूद इन शिकायतों का निस्तारण नहीं हो पा रहा है।

लो वोल्टेज की समस्या से भी लोग परेशान

एक तो जैसे-तैसे करके बिजली आ रही है और जहां बिजली आ रही है। वहां वोल्टेज इतने हल्के हैं कि कहीं फ्रीज नहीं चल पा रहे हैं तो कहीं पंखे हवा नहीं दे रहे हैं। लो वोल्टेज के कारण उद्यमी भी खासे परेशान हैं और उनके उद्योग धंधे खासे प्रभावित हो रहे हैं। लो वोल्टेज के कारण उद्यमी अपने आॅर्डर तक पूरे नहीं कर पा रहे हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती का समय निर्धारित नहीं

बिजली संकट के चलते पिछले तीन-चार दिनों से जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में चार से पांच घंटे बिजली की कटौती की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती का समय भी निर्धारित नहीं है। गांवों में बिजली कटौती का निर्णय करना होता है। इस कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती का समय निर्धारित नहीं है।

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