- स्कूलों में नहीं है सफाईकर्मी शिक्षक और छात्र मिलकर करते हैं सफाई
- कक्षाओें के लिए कमरे कम साथ ही शिक्षकों का भी अभाव
- आज से विद्यालय का समय भी बदला, सुबह 8 से 2 बजे का हुआ समय
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: स्कूलों में आज से नया सत्र शुरू हो रहा है। जिसको लेकर सभी विद्यालयों में तैयारियां की गई है। वहीं, सरकारी विद्यालयों में भी नए सत्र को लेकर काफी ऐसे कार्य है, जो होने चाहिए। इन कार्यों को लेकर सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों ने अपनी बात रखी।
प्राथमिक विद्यालय छिलौरा की स्थिति
स्कूल की शिक्षिका निशा ने बताया कि नए सत्र को लेकर उन्होंने तैयारी की है। बच्चों को विद्यालय में अपना नाम दर्ज करानें के लिए गांव में रैली का आयोजन किया जा रहा है। जिससे बच्चों के अभिभावकों में जागरूकता आए। इस रैली में विद्यालय की शिक्षिकाओं के साथ आंगनवाड़ी की शिक्षिका को भी शामिल किया जाएगा। लोगों के घरों पर जाकर उन्हें अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए कहा जाएगा। इसके बाद नए सत्र में जो बच्चे पहली बार विद्यालय में आएंगे उनका स्कूल में स्वागत किया जाएगा।
प्राथमिक विद्यालय जयभीमनगर
प्रधानाचार्या शिखा शर्मा स्कूल के कार्य से बाहर थी उनकी जगह शिक्षिका उर्मिला वर्मा ने जानकारी दी कि सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का स्तर और बेहतर हो सकता है। अगर यहां पर कुछ मूलभूत सुविधाएं जैसे जितनी कक्षाएं चलती है, उतने ही कमरे विद्यालयों में होने चाहिए।
टीचरों की संख्या कम है, खेलने के लिए मैदान नहीं है, उनके सरकारी विद्यालयों में पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है। सबसे अहम् बात ये है कि यहां पर पढ़ने वाले बच्चे गरीब परिवारों से आते हैं, उनके माता-पिता बच्चों की पढ़ाई को लेकर ध्यान नहीं दे पाते हैं। परिजनों को भी चाहिए कि वह अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए कहे इसको लेकर भी जागरूक किया जाएगा।
प्राथमिक कन्या विद्यालय मोहनपुरी
प्रधानाचार्या अनिता यादव ने बताया कि सबसे पहले वह स्कूल चलो अभियान चलाएंगी, इसके साथ ही अधिक से अधिक घरों में जनसंपर्क द्वारा सफाई को लेकर लोगों को जागरूक किया जाएगा, साथ ही उनसे अपील की जाएगी कि वह ज्यादा से ज्यादा अपने बच्चों का स्कूलों में दाखिला कराएं।
प्रबंध समीति की मीटिंग कराने को कहा जाएगा। जिससे बच्चों को अच्छी शिक्षा कैसे मिले इसको लेकर बात होगी। बच्चे समय पर विद्यालय आएं इसको लेकर भी परिजनों को समझाया जाएगा। सफाई कर्मचारी नहीं है, उसकी सबसे अधिक जरूरत है। नई शिक्षा नीति को लेकर भी लोगो को जागरूक किया जाएगा। एक शिक्षिका ने बताया कि सफाई कर्मी नहीं होने पर स्कूल की प्रधानाचार्य खुद बच्चों को साथ लेकर विद्यालय में सफाई करती है।
आज से सभी सरकारी विद्यालयों का समय भी बदल गया है, अब सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे का समय निर्धारित किया गया है। इसको लेकर भी विद्यालय के अध्यापक छात्रों के परिजनों से बात करेगें कि वह अपने बच्चों को समय पर विद्यालय भेजें। यह कुछ ऐसे तथ्य है जिनको लेकर अगर शासन स्तर पर विचार किया जाए तो काफी हद तक सरकारी विद्यालयों में भी छात्रों की संख्या बढ़ेगी साथ ही बच्चों को और अच्छी शिक्षा मिलने की संभावना को बल मिलेगा।