जनवाणी संवाददाता |
मवाना: मुख्यमंत्री आदित्यानाथ भले ही कोई भी परिवार भूखा न सोए को लेकर गरीबों को राशन एजेंसियों के माध्यम से फ्री में खाद्य सामग्री का वितरण करा रहे हो, लेकिन राशन डीलरों की कालाबाजारी थमने का नाम नहीं ले रही है। ऐसा ही एक मामला मवाना राशन डीलर की एजेंसी पर देखने को मिला।
कोविड को लेकर भी कोई पुख्ता इंतजाम नहीं देखने को मिले तो वही सोशल डिस्टेंस की भी खुलकर धज्जियां उड़ती नजर आई। सरकार ने माह में बंटने वाले फ्री गेहूं, चावल व चने की मात्रा को भी खोला गया हुआ है बावजूद राशन डीलर उपभोक्ताओं को चूना लगाकर राशन की कालाबाजारी कर रहे है।
बुधवार को राशन डीलर ने मनमानी करते हुए उपभोक्ताओं को चने की दो किलो मात्रा होने के चलते हर बार की भांति मात्र नौ सौ ग्राम चना दिया। उपभोक्ताओं ने मामले की शिकायत एसडीएम व तहसीलदार से की।
एसडीएम ने मौके पर आपूर्ति इंस्पेक्टर को भेजने के निर्देश दिये, लेकिन आपूर्ति इंस्पेक्टर ने मौके पर जाना गवारा नहीं समझा। उपभोक्ताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि चने की मात्रा कम देने के साथ बकाया रुपये की भी वापसी नहीं करता है।
मवाना के मोहल्ला कल्याण सिंह में राजेश कुमारी के नाम से राशन डीलर की एजेंसी है। बुधवार को सुबह करीब सात बजे से राशन डीलर ने सरकार द्वारा दिया जा रहा फ्री में राशन बांटने का कार्य शुरू किया।
फ्री का राशन लेने पहुंचे उपभोक्ताओं को गेहूं, चावल के साथ दो किलो चना देने के निर्देश है, लेकिन राशन डीलर राजेश कुमारी ने उपभोक्ताओं को हर बार की भांति बुधवार को भी मात्र नो सौ ग्राम चना दिया।
उपभोक्ताओं का कहना है कि नगर में प्रत्येक राशन डीलर एजेंसी संचालक दो किलो चना दे रहे हैं, लेकिन एजेंसी संचालिका एक किलो सौ ग्राम चने की कटौती कर राशन की कालाबाजारी करने से कोई गुरेज नही कर रही है।
चने की कटौती होने पर उपभोक्ताओं ने हंगामा कर दिया और मामले की सूचना एसडीएम कमलेश गोयल व तहसीलदार अजय कुमार उपाध्याय से की।
एसडीएम ने आपूर्ति इंस्पेक्टर अजय कुमार को मौके पर भेजकर जांच करने के निर्देश दिये। कम राशन वितरण करने के बाद भी आपूर्ति इंस्पेक्टर ने मौके पर जाना गवारा नहीं समझा और मात्र राशन संचालिका से फोन पर वार्ता कर इतिश्री कर ली।
उपभोक्ताओं ने मामले की शिकायत डीएम व मुख्यमंत्री आदित्यानाथ योगी के पोर्टल पर भेजने की बात कही है। वहीं कोविड को देखते हुए भी कोई भी सैनिटाइजर व सोशल डिस्टेंस का पालन नही कराया गया।