जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की आठ जनवरी को हुई पटवारी-लेखपाल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने की खबर सामने आते ही लोगों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। हरिद्वार रुड़की सहित प्रदेशभर के अलग-अलग हिस्सों से विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें सामने आई। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के कार्यालय के बाहर युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा काटा। इस दौरान पुलिस को लोगों को हटाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। कई लोगों की पुलिस के साथ तीखी झड़प भी हुई।
पटवारी-लेखपाल भर्ती परीक्षा पेपर लीक होने के बाद से प्रदेश में लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। लगातार परीक्षाओं में धांधली की खबरें सामने आने से युवाओं में निराशा बढ़ रही है। शुक्रवार को लोगों का आक्रोश सड़कों पर दिखा। एक तरफ युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भारी विरोध प्रदर्शन किया। तो वहीं आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी राज्य सरकार का पुतला फूंका। बैरियर तोड़कर प्रदर्शनकारी उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के कार्यालय में घुसने की कोशिश करते रहे। यहां से लोगों को हटाने में पुलिस के भी पसीने छूट गए।
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की आठ जनवरी को हुई पटवारी-लेखपाल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया। पेपर आयोग के ही अति गोपन विभाग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने पत्नी के साथ मिलकर लीक कराया। एसटीएफ ने अनुभाग अधिकारी, पत्नी समेत पांच को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से परीक्षा सामग्री और 41.50 लाख रुपये बरामद हुए हैं। आयोग ने आरोपी अनुभाग अधिकारी को निलंबित करते हुए पटवारी भर्ती परीक्षा रद्द कर दी है। अब यह परीक्षा 12 फरवरी को दोबारा होगी।
एसटीएफ ने बृहस्पतिवार को पटवारी-लेखपाल भर्ती के पेपर लीक का खुलासा किया। एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि परीक्षा के दो दिन बाद पेपर लीक होने की सूचना मिली थी, जिस पर एसटीएफ की चार टीमें बनाकर हरिद्वार और आसपास के क्षेत्रों में रवाना की गई। शुरुआती पड़ताल में आयोग के ही एक कर्मचारी का हाथ सामने आ रहा था। एक अभ्यर्थी ने आयोग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी के नाम का खुलासा किया।
एसटीएफ ने इसकी गहराई पड़ताल कर उसे हिरासत में ले लिया था। उससे पूछताछ के बाद पता चला कि अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने अति गोपन कार्यालय से पेपर का मोबाइल से फोटो खींचने के बाद पत्नी रितु को उपलब्ध कराया। इसके बाद रितु ने इस पेपर को राजपाल को दिया। राजपाल ने अपने अन्य लोगों के साथ मिलकर अभ्यर्थियों तक पेपर पहुंचाया और दो फॉर्म हाउस (बिहारीगढ़ व लक्सर) में हल करवाया।
पूछताछ के आधार पर एसटीएफ ने संजीव चतुर्वेदी के साथी राजपाल, संजीव कुमार, रामकुमार को गिरफ्तार कर लिया। खबर लिखे जाने तक मामले में एसटीएफ आरोपियों से प्रश्न पत्रों के अलावा 41 लाख 50 हजार रुपये बरामद कर चुकी थी। देर शाम एसटीएफ ने संजीव चतुर्वेदी की पत्नी रितु को भी गिरफ्तार कर लिया। मामले में हरिद्वार के कनखल थाने में आईपीसी 409, 420, 467, 468, 471, 120-बी और उत्तर प्रदेश उत्तराखंड सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) निवारण अधिनियम 1998 के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।
सूचना मिलने के बाद राज्य लोक सेवा आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को सस्पेंड कर दिया। उन्हें सचिव कार्यालय में संबद्ध किया गया है। साथ ही आयोग ने आठ जनवरी को हुई पटवारी-लेखपाल परीक्षा रद्द कर दी है। अब यह परीक्षा दोबारा 12 फरवरी को होगी। 12 फरवरी को प्रस्तावित सहायक लेखाकार परीक्षा अब 19 फरवरी को आयोजित कराई जाएगी।
आयोग की आठ जनवरी को हुई पटवारी लेखपाल परीक्षा के लिए 1,58,210 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। इनमें से 1,14,071 ने परीक्षा दी थी। यह परीक्षा आयोग ने प्रदेश में 498 केंद्रों पर कराई थी। के हिसाब से ही होंगी।