Tuesday, August 12, 2025
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गंगा के जलस्तर में उतार-चढ़ाव का खेल जारी

  • सोमवार देर रात डिस्चार्ज बढ़कर हुआ 2.9 लाख क्यूसेक

  • खादर में फिर गहराने लगा बाढ़ का संकट

  • खादर के किसानों के माथे पर पेशानी के बल

जनवाणी सवाददाता |

हस्तिनापुर: एक बार फिर से गंगा अपना रौद्र रूप दिखाने लगी है। जिसके चलते खादर के किसानों के माथे पर पेशानी के बल साफ दिखाई देने लगे हैं। गत एक माह से गंगा नदी का जलस्तर कभी घट रहा है तो कभी बढ़ रहा है। जलस्तर में लगातार उतार-चढ़ाव जारी है। जलस्तर के उतार-चढ़ाव के साथ-साथ ग्रामीणों के दिल भी हिचकोले ले रहे हैं।

आखिर बाढ़ की समस्या से कब निजात मिलेगी और कब पेट पालने के लिए वह खेती को पुन: संभाल सकेंगे। उधर, बिजनौर बैराज से सोमवार देर रात गंगा नदी का डिस्चार्ज बढ़कर 2.9 लाख क्यूसेक हो गया। जिसके चलते मंगलवार को गंगा जलस्तर में फिर से वृद्धि होने लगी।

गंगा में बाढ़ के हालात ग्रामीणों के लिए मुश्किल बनकर रह गए हैं। अब भी कुछ पता नहीं है कि कब तक गंगा नदी में बाढ़ के हालात रहेंगे। बरसात का मौसम चल रहा है, गंगा का जलस्तर कभी घटता है तो कभी तेजी के साथ बढ़ता है। घटता बढ़ता पानी फसले नष्ट कर चुका है। बीमारियों को जन्म दे चुका है। हालांकि अपर जिलाधिकारी सूर्यकांत त्रिपाठी ने चिकित्सीय टीमों को बाढ़ चौकियों से संपर्क कर ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात रहने के निर्देश दिए हैं।

गंगा नदी में सोमवार को हरिद्वार से डिस्चार्ज बढ़कर 1 लाख 80 हजार क्यूसेक तो बिजनौर बैराज से 2 लाख 9 हजार क्यूसेक हो गया। जिसके चलते मंगलवार को गंगा जलस्तर में फिर से वृद्धि होने लगी।

गंगा के जलस्तर में एक बार फिर हुई वृद्धि से ग्रामीणों के दिलों की धड़कनें तेज होने लगी है। बाढ़ प्रभावित गांव के लोगों का कहना है कि बाढ़ पहले ही उनकी फसलों को बर्बाद कर चुकी है। गंगा के जलस्तर में फिर से हो रही वृद्धि उनकी आने वाली फसलों की बुवाई को प्रभावित कर सकती है।

मानसून ने दिया साथ तो बाढ़ ने किया सबकुछ बर्बाद

गंगा किनारे खेती कर रहे लोगों का कहना है कि शुरुआत के समय मानसून ने साथ नहीं दिया। मानसून का साथ मिला तो जैसे-तैसे कर्ज लेकर धान व अन्य फसलोें की रोपाई की। फतेहपुर प्रेम, शेरपुर, भीकुंड, हंसापुर, परसापुर, खेड़ीकलां आदि के किसानों ने धान के साथ सब्जी की फसले भी लगाई गई थी।

लेकिन इस बार गंगा नदियों में बाढ़ के कारण फसले डूब गई और किसानों के अरमान पर भी पानी फिर गया। साहूकारों का कर्ज उनके सिर पर खड़ा है। ऐसे में अगली फसल की बुवाई समय पर नहीं हुई तो परिवारों के सामने भूखे मरने की नौबत आ जायेगी।

पारा 36 और गर्मी का एहसास 42 डिग्री सेल्सियस का

मोदीपुरम: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मानसून की बारिश के बीच जहां राहत मिल रही है। वहीं, उमस भरी गर्मी भी परेशान कर रही है। इस समय उमस के कारण गर्मी का एहसास ज्यादा हो रहा है। जुलाई माह के अंतिम सप्ताह में तापमान कम होने के बावजूद जून वाली गर्मी का एहसास उमस के चलते बना हुआ है। अभी आने वाले चार दिन में वेस्ट यूपी में हल्की से मध्यम बारिश के आसार बने हुए हैं।

बंगाल की खाड़ी में बने साइक्लोन के चलते एक बार फिर से मानसून रफ्तार पकड़ गया। मौसम विभाग ने बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में जहां सामान्य से ज्यादा बारिश रही है। वहीं, तीसरे सप्ताह में बारिश में कमी दिखाई दी है। आखिरी सप्ताह के लिए मौसम विभाग ने हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है। लगातार बढ़ती उमस के चलते वेस्ट यूपी में अभी से गर्मी परेशान कर रही है। बारिश के दौरान चलने वाली हवा से जहां राहत रहती है।

उसके बाद फिर से निकलने वाली धूप और भी ज्यादा उमस को बढ़ा देती है। जिससे गर्मी और तापमान में बढ़ोतरी होती है। राजकीय मौसम वैधशाला पर मंगलवार को दिन का अधिकतम तापमान 36.4 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान 26.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

अधिकतम आर्द्रता 94 और न्यूनतम आर्द्रता 72 प्रतिशत दर्ज की गई। हालांकि मंगलवार को दिन निकलते ही बारिश हुई, लेकिन यह बारिश देहात इलाकों में देखी गई। रिकॉर्ड में बारिश दर्ज नहीं हुई है। मौसम वैज्ञानिक डा. यूपी शाही का कहना है कि चार दिन में वेस्ट यूपी में हल्की से मध्यम बारिश होगी।

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