Sunday, August 17, 2025
- Advertisement -

बनारस के 20 प्रतिशत युवा इंटरनेट एडिक्शन से ग्रस्त

  • इंटरनेट एडिक्शन एवं मानसिक स्वास्थ्य विषय पर आयोजित हुआ राष्ट्रीय सेमिनार

जनवाणी ब्यूरो |

वाराणसी: विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 के अवसर पर 12 अक्टूबर को इंटरनेट एडिक्शन एवं मानसिक स्वास्थ्य विषयक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन नई सुबह मानसिक स्वास्थ्य व व्यवहार विज्ञान संस्थान, मनोविज्ञान विभाग, आर्य महिला पी जी कॉलेज, मनोविज्ञान विभाग, बसंता कालेज फार वुमेन, मनोविज्ञान विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी व मनोविज्ञान विभाग डॉ हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर, मध्य प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में नई सुबह, खनाव (पानी टंकी के पास), चुनार रोड, वाराणसी के प्रेक्षागृह में आयोजित किया गया। शुभारंभ कार्यक्रम मुख्य अतिथि उमेश कुमार शुक्ला अधिवक्ता सर्वोच्च न्यायालय एवं पूर्व कार्यक्रम अधिकारी नेशनल ट्रस्ट सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार ने कहा कि समय प्रबंधन इंटरनेट एडिक्शन से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय है।

इंटरनेट एडिक्शन से बचाव के उपाय सनातन जीवन पद्धति में समाहित है और उन्होंने बताया कि व्यक्ति की सफलता उसके जुनून पर निर्भर करता है व्यक्ति की उम्र और परीक्षा में प्राप्तांक उसकी सफलता को निर्धारित नहीं कर सकते हैं। अध्यक्षीय संबोधन में प्रो रश्मि सिंह विभागाध्यक्ष, मनोविज्ञान विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी ने कहा कि लोग पहले मोबाइल को अपने स्टेटस सिंबल के रूप में उपयोग कर रहे थे जो बाद में उन्हें एडिक्शन की ओर ले गया। उन्होंने अपने एक सर्वे के हवाले से कहा कि वर्तमान समय में बनारस के 20 प्रतिशत युवा इंटरनेट एडिक्शन से ग्रसित है।

इंटरनेट एडिक्शन एवं मानसिक स्वास्थ्य विषयक राष्ट्रीय सेमिनार की उपयोगिता को रेखांकित करते हुए सेमिनार के मुख्य संरक्षक एवं नई सुबह संस्था के संस्थापक अध्यक्ष डॉ अजय तिवारी ने कहा कि आज के समय में समाज के प्रत्येक वर्ग एवं उम्र के लोग इंटरनेट एडिक्शन के कारण मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त हो रहे हैं इस सेमिनार के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों से आए विशेषज्ञ इंटरनेट एडिक्शन के कारण लक्षणों एवं बचाव के उपाय पर विस्तृत चर्चा करेंगे जो भविष्य में इंटरनेट एडिक्शन के प्रसार एवं प्रभाव को कम करने में सहायक होगा।

शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो अलका सिंह प्राचार्य, वसंता कॉलेज फॉर वूमेन वाराणसी ने कहा कि इंटरनेट एडिक्शन आज समाज में विकराल रूप ले रहा है इस तरह के आयोजन समाज में इस बीमारी को रोकने के लिए अत्यंत आवश्यक है यह एक तरह का समाज एवं मानवता की सेवा है। डॉ मुकेश कुमार पंत मनोविज्ञान विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने सेमिनार की विषय स्थापना किया। शुभारंभ कार्यक्रम का संचालन डॉ जोत्शना सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ गरिमा गुप्ता ने किया।

राष्ट्रीय सेमिनार के समापन एवं प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अजीत कुमार आईएएस, विशेष सचिव, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा इंटरनेट एडिशन एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। इंटरनेट एडिक्शन से हमारी क्षमता एवं ऊर्जा की हानि होती है। दिव्यांगजनों को अपने कर्मियों के बजाय अपनी क्षमताओं का ध्यान करना चाहिए, जो काम दिव्यांगजन कर सकते हैं उसे काम को साधारण व्यक्ति नहीं कर सकता है। मेडिटेशन के माध्यम से हम नकारात्मक भावनाओं से दूर रह सकते है।

डॉ आशुतोष श्रीवास्तव अध्यक्ष, भारतीय काउंसलिंग संगठन ने कहा कि पहले हम किसी चीज का उपयोग करते हैं, फिर उसका दुरुपयोग करते हैं, फिर उसे पर निर्भरता विकसित होती है और अंत में हम उसके लती हो जाते हैं हम अपने निर्भरता को नियंत्रित करके एडिक्शन से बचे रह सकते हैं।

कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि प्रो अजय प्रताप सिंह, विभागाध्यक्ष मनोविज्ञान विभाग, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल यूनिवर्सिटी जौनपुर ने कहा कि इंटरनेट का सस्ता होना इंटरनेट एडिक्शन का सबसे बड़ा कारण है यदि व्यक्ति यह समझ ले कि उसका समय मूल्यवान है तो वह एडिशन से बचा रह सकता है।

प्रो रचना दुबे प्राचार्य आर्य महिला पीजी कॉलेज वाराणसी ने कहा कि कहा की इंटरनेट के कारण शिक्षा में अनेक सुधार के साथ-साथ अनेक कमियां आ गई हैं जिन्हें हमें दूर करके अपने युवा पीढ़ी को सही रास्ते पर लाना आवश्यक है।

प्रो जेजस त्रिपाठी मानस रोग विभाग काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इंटरनेट एडिक्शन एवं मेंटल हेल्थ पर सेमिनार अपने आप में अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि जागरूकता ही एकमात्र माध्यम है जिसके द्वारा युवाओं को इंटरनेट एडिक्शन से बचाया जा सकता है। समापन समारोह का संचालन कृष्णा व्यास एवं अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन डा. आरपी सोनकर किया।

कार्यक्रम में सेमिनार के सोविनियर का उद्घाटन किया गया सभी अतिथियों द्वारा किया गया जिसमें डॉ मनोज तिवारी, डॉ वेद प्रकाश रावत एवं डा गरिमा गुप्ता ने सहायता किया। डॉ वेद प्रकाश रावत मनोविज्ञान विभाग वसंता कॉलेज फॉर वुमेन वाराणसी ने सेमिनार का रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि सेमिनार में कुल विभिन्न विषयों पर 40 पेपर की प्रस्तुत किए गये जिसमें पांच बेस्ट पेपर अवार्ड प्रदान किया गया तथा बेस्ट पोस्टर अवार्ड भी प्रदान किया गया।

कार्यक्रम के सफल आयोजन में डॉ अखिलेन्द्र कुमार, डॉ मनोज तिवारी, डॉ आर पी सोनकर, डॉ मीनाक्षी बाजपेई, डॉ अंशुल जयसवाल, अनुराग तिवारी, डॉ अमित तिवारी, डॉ शैली तिवारी, डॉ आदित्य तिवारी सुनीता तिवारी, अर्पित मिश्रा, गौरव अपने महत्वपूर्ण भूमिका अदा किया।

spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Saharanpur News: ऑपरेशन सवेरा ले जाएगा नशे के अंधकार से जीवन के उजाले की ओर, नशे के सौदागरों पर कसा जाएगा शिकंजा

सहारनपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सहारनपुर परिक्षेत्र...

Janmashtami 2025: कब और कैसे करें जन्माष्टमी व्रत का पारण? जानें शुभ समय और विधि

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...

RRB सेंट्रल रेलवे मुंबई भर्ती 2025: 2418 अप्रेंटिस पदों के लिए नोटिफिकेशन जारी, जल्द करें आवेदन

नमस्कार,दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और...
spot_imgspot_img