- छावनी के बीसी लाइन इलाका के है मामला
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: छावनी का बीसी लाइन इलाका एमईएस के स्टाफ की लापरवाही के बगैर लाइट के रहे। करीब 14 घंटे तक इस इलाके में लाइट नहीं आयी। महज एक तार भर जोड़ना था, इस तार को जोड़ने में एमईएस के स्टाफ ने 14 घंटे का वक्त लगा दिया। लाइट न होने की वजह से यहां रहने वाले तमाम परिवार बेहाल रहे। बीसी लाइन इलाका माल रोड से सटा हुआ है। इस इलाके में सामान्य नागरिकों के अलावा सेना के कई पूर्व अधिकारी व दूसरे अफसरों के भी सरकारी व निजी आवास हैं।
इनके अलावा कई अन्य वरिष्ठ नागरिकों के भी आवास हैं। इतने महत्वपूर्ण परिवारों के इस इलाके में होने के बावजूद एमईएस का स्टाफ यहां बिजली के रखरखाव को लेकर कितना गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई बार शिकायत किए जाने के बावजूद लाइन में आया फाल्ट दूर करने में 14 घंटे का वक्त लगा दिया। यह कोई पहला मौका नहीं है जब एमईएस के स्टाफ की छावनी के इस इलाके को लेकर लापरवाही सामने आयी है।
बीसी लाइन में सबसे ज्यादा मुसीबत व यहां रहने वाले लोगों का स्ट्रीट लाइट के नखरों से है। आए दिन यहां की स्ट्रीट लाइट बंद हो जाती है। इसके पीछे छोटे-छोटे फाल्ट भर होते हैं, लेकिन स्ट्रीट लाइट के रखरखाव के लिए जिम्मेदार एमईएस का लापरवाह स्टाफ छोटे-छोटे फाल्ट दूर करने में बड़ा-बड़ा व भारी समय लेता है। लगातार शिकायतें किए जाने के बाद भी एमईएस वालों के कानों पर जूं नहीं रेंगती।
वक्फ विकास निगम के निर्माण कार्य रामभरोसे !
मेरठ: प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तर प्रदेश वक्फ विकास निगम लि. को आवंटित विभिन्न निर्माण कार्यों को तकनीकी कर्मियों के बिना ही कराए जाने को लेकर भाजपा (अल्पसंख्यक मोर्चा) ने कड़ी आपत्ति जताते हुए जिलाधिकारी (मुजफ्फरनगर) से इसकी शिकायत की है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य काजी शादाब ने जिलाधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में कहा है कि मुजफ्फरनगर के मीरापुर में राजकीय आईआईटी और मुजफ्फरनगर में ही एक आंगनवाड़ी केन्द्र का निर्माण किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि इन परियोजनाओं में हो रहे उक्त निर्माण कार्य बिना किसी तकनीकी कर्मचारी के सम्पन्न कराए जा रहे हैं जिसके चलते इस बात की आशंका है कि बनाई जा रहीं उक्त इमारतों पर भविष्य में खतरा मंडरा सकता है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के नेताओं का आरोप है कि 14 करोड़ रुपये की उक्त परियोजनाओं को बिना किसी तकनीक के आधार पर बनाया जाना पैसे की भी बर्बादी है। इन नेताओं का आरोप है कि जब तक यह निर्माण कार्य तकनीकी अभियंताओं की देख रेख में नहीं कराए जाएंगे
तब तक इन इमारतों का वजूद हिचकोले लेता रहेगा। भाजपा नेताओं ने जिलाधिकारी से मांग की है कि उक्त निर्माण कार्य फौरन रुकवाए जाएं तथा भविष्य में इनका निर्माण तकनीकी अभियंताओं की देखरेख में करवाया जाए। भाजपा नेताओं के अनुसार बिना तकनीकी अभियंताओं के सम्पन्न कराए जा रहे उक्त निर्माण कार्य के लिए शीघ्र ही समुचित सुपरविजन की भी व्यवस्था कराई जाए।