- हैरानी की बात तो यह है कि जिस शख्स पर फायरिंग की गई उसका बजाए मेडिकल कराने के उसको भी थाने में बैठाए रखा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सरेशाम बाइक सवार पर तीन तमंचों से फायरिंग करने वाले पुलिस वालों के द्वारा दबोचे गए बदमाश व उसके साथियों पर पीड़ित द्वारा तहरीर दिए जाने के बावजूद बजाए कार्रवाई के रात भर बतौर मेहमान रखकर अगले दिन थाने से छोड़ दिया गया। हैरानी की बात तो यह है कि जिस शख्स पर फायरिंग की गई उसका बजाए मेडिकल कराने के उसको भी थाने में बैठाए रखा। देर रात जब भाजपा व संघ परिवार के कुछ नेताओं की सिफारिश पहुंची तब कहीं जाकर उसको लेट नाइट छोड़ा गया। हालांकि जिस पर फायरिंग की गई वह खुद भी बदमाश है। कई मुकदमें उस पर चल रहे हैं। गैंगस्टर की कार्रवाई भी हो चुकी है।
दो बाइकें, पांच बदमाश, तीन तमंचे
इंचौली के नारंगपुर मुख्तारपुर निवासी विनय पुत्र जगबीर सिंह अपने करीबी अक्षय चौहान के साथ गंगा नगर से होकर जा रहा था। बीएनजी स्कूल गंगानगर पहुंचने पर अचानक उसका मोबाइल बजा। बाइक चलाते हुए उसने जेब से जब मोबाइल निकाला तो संभाल न पाने की वजह से मोबाइल सड़क पर जा गिरा। पीछे से दूसरी बाइक पर दो युवक आ रहे थे। उनकी बाइक टकराने से बची। इसको लेकर हल्की सी कहासुनी हुई। दोनों पक्ष वहां से चले गए। विनय व अक्षय यहां से आरपीजी फैक्ट्री के समीप पहुंच गए।
गन्ने के रस के स्टॉल पर जा कर रुक गए। तभी अचानक दो बाइकों सवार तीन हमलावर वहां आ धमके। बकौल विनय उनके पास तीन तमंचे थे। आते ही उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। सिर पर तमंचे की बट से प्रहार किया। वहां काफी लोग जमा हो गए। पास ही बीट ड्यूटी वाले पुलिस कर्मी थी। वो दौड़कर आ गए। पुलिस को देखकर तमंचे से गोली चला रहे बदमाश भागने लगे। भीड़ की मदद से एक बदमाश दबोच लिया। उसको लेकर पुलिस वाले थाना इंचौली पहुंच गए। पीछे-पीछे विनय भी थाने जा पहुंचा।
देर रात फायरिंग करने वाले बदमाशों का एक और साथी पुलिस ने उठा लिया, बाकी हाथ नहीं आए। पुलिस ने विनय को भी वहीं बैठा लिया। उसका आरोप है कि उसके सिर पर तमंचे से वार किया गया था। हाथ बुरी तरह से जख्मी थे, लेकिन उसकी डाक्टरी नहीं करायी गयी। देर जब आरएसएस व भाजपा के कुछ नेता तथा गांव के प्रधान थाने पहुंचे तब कहीं जाकर उसको छोड़ा गया।
आरोपी भी दिए छोड़
सरेआम ताबड़तोड़ फायरिंग की घटना और खुद पुलिस वालों द्वारा ही हमलावर को दबोचा जाना, पीड़ित का आरोप है कि इसके बावजूद फायरिंग करने वालों को अगले दिन थाने से छोड़ दिया गया। उसकी तहरीर पर कोई कार्रवाई नहीं की। इसको लेकर जब एसपी देहात, सीओ सदर देहात व इंस्पेक्टर इंचौली से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो एसपी देहात का मोबाइल आउट आफ रेंज जाता रहा। सीओ व इंस्पेक्टर ने कॉल ही रिसीव नहीं की।