Monday, April 14, 2025
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खुश खबरी! खुश खबरी! खुश खबरी!, ब्रिटेन में गिरवी रखा सोना लाया गया भारत, देश की साख कैसे मजबूत कर रही मोदी सरकार, पढ़िए पूरी साइड स्टोरी

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक अभिनंदन और स्वागत है। साल 1991 में चंद्रशेखर सिंह केंद्र सरकार ने भुगतान संतुलन संकट से निपटने के लिए गोल्ड को ब्रिटेन में गिरवी रख दिया था। 4 से 18 जुलाई 1991 के बीच आरबीआई ने 400 मिलियन डॉलर जुटाने के लिए बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ जापान के पास 46.91 टन सोना गिरवी रखा था।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्रिटेन से 100 टन से ज्यादा सोना देश में वापस मंगाया है और इसे अपने भंडार में ट्रांसफर किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले महीने में फिर से इतनी ही मात्रा में येलो मेटल को देश में लाया जा सकता है। साल 1991 में गिरवी रखे इस सोने को पहली बार आरबीआई के स्टॉक में शामिल किया गया है।

RBI के आधे से अधिक गोल्ड भंडार विदेश में बैंक ऑफ इंग्लैंड (Bank Of England) और बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के पास सुरक्षित रूप से रखे गए हैं। इसका लगभग एक तिहाई हिस्सा घरेलू स्तर पर रखा गया है। ब्रिटेन से भारत सोना लाने से भारतीय रिजर्व बैंक को भंडारण लागत (RBI Gold Stock Cost) बचाने में भी मदद मिलेगी, जिसका भुगतान बैंक ऑफ इंडिया को किया जाता है।

1991 में सोना रखा गया था गिरवी

RBI द्वारा जारी सालाना आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च 2024 तक केंद्र सरकार के पास अपने विदेशी मुद्रा भंडार के हिस्से के रूप में 822.10 टन सोना था, जो पिछले साल इसी अवधि के दौरान 794.63 टन से अधिक था। साल 1991 में चंद्रशेखर सिंह की सरकार ने भुगतान संतुलन संकट से निपटने के लिए गोल्ड को गिरवी रख दिया था। 4 से 18 जुलाई 1991 के बीच आरबीआई ने 400 मिलियन डॉलर जुटाने के लिए बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ जापान के पास 46.91 टन सोना गिरवी रखा था।

भारत ने खूब खरीदा सोना!

केंद्रीय बैंक ने करीब 15 वर्ष पहले अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 200 टन सोना खरीदा था। 2009 में यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब भारत ने अपनी परिसंपतियों में विविधता लाने के लिए 6.7 अरब डॉलर प्राइस का 200 टन सोना खरीदा था। पिछले कुछ सालों में रिजर्व बैंक द्वारा खरीदे गए सोने के स्टॉक में लगातार बढ़ोतरी हुई है।

क्यों RBI सोना खरीदता है?

केंद्रीय बैंक द्वारा स्टॉक में सोना रखने का उद्देश्य मुख्य रूप से महंगाई दर और विदेशी मुद्रा जोखिमों के खिलाफ सुरक्षा के रूप में अपने विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों के आधार में विविधता लाना है। आरबीआई ने दिसंबर 2017 से नियमित रूप से बाजार से सोना जमा करना शुरू कर दिया है। देश के कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी दिसंबर 2023 के अंत में 7.75 प्रतिशत से बढ़कर अप्रैल 2024 के अंत तक लगभग 8.7 प्रतिशत हो जाएगी।

जब भारतीय जनता की गाढ़ी कमाई सोना को गिरवी रखा गया, पढ़िए देश को संकट में डालने वाले नेताओं की कहानी…

आरबीआई कहां रखता है सोना?

देश के अंदर सोना मुंबई के मिंट रोड स्थित RBI भवन तथा नागपुर में स्थित तिजोरियों में रखा जाता है। वर्ल्ड गोल्ड कॉउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक केंद्रीय बैंकों के पास अबतक खनन किए गए सभी सोने का लगभग 17 प्रतिशत हिस्सा है और साल 2023 के अंत तक भंडार 36,699 मीट्रिक टन (MT) से अधिक रहा होगा।

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