नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। सनातन धर्म में 23 जूल 2024 से आषाढ़ माह की शुरूआत हो चुकी है। यह महीना भगवान विष्णु को समर्पित किया जाता है। ऐसे में आषाढ़ माह की आमाव्सया तिथि को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
कहा जाता है कि इस दिन कुछ महत्वपूर्ण कार्यों को किया जाता है। इससे पितरों की नराजगी को दूर किया जा सकता है। इस अमावस्या पर दान और पूर्वजों की आत्मा शांति के लिए गंगा स्नान करना बेहद शुभ होता है। इस साल 5 जुलाई 2024 के दिन आषाढ़ अमावस्या मनाई जाएगी है। इस दिन पितरों की पूजा का विधान है। इसी कड़ी में आइए जान लेते हैं कि आषाढ़ अमावस्या के दिन पितृ दोष मुक्ति के लिए क्या करना चाहिए।
किस दिन मनाई जाएगी आषाढ़ अमावस्या 2024?
आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 5 जुलाई सुबह 4.57 मिनट पर होगी। वहीं 6 जुलाई को 4.26 मिनट पर इसका समापन होगा। ऐसे में आषाढ़ अमावस्या 5 जुलाई 2024 के दिन होगी।
कैसे लगता है पितृ दोष?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मृत्यु के बाद विधि-विधान से अंतिम संस्कार न होने पर पितृ दोष लगता है। साथ ही माता-पिता का अपमान करने वाले लोगों को भी इसका सामना करना पड़ता है। कहते हैं कि यदि किसी की मृत्यु के बाद पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध न किया जाए, तो पितृ दोष लगता है। इसके अलावा पीपल और नीम के पेड़ को काटने से भी यह दोष लगता है।
पितृदोष से बचने के लिए उपाय
पितृदोष होने पर व्यक्ति की समस्याएं बढ़ने लगती है। साथ ही बने बनाए कार्यों में भी समस्याएं आने लगती है। ऐसे में सभी सदस्यों को बारबार मात्र में सिक्के लेकर उनका दान करना चाहिए। इससे पितृदोष दूर होता है। वहीं अमावस्या तिथि पर कौवा, चिड़िया, कुत्ते और गाय को भोजन कराना चाहिए। इसके साथ पीपल या बरगद के पेड़ पर जल भी चढ़ाएं। इससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
धूप दान जरूर करना चाहिए
मान्यता है कि पितरों को धूप दान करने से वह अपने वंशजों को आशीर्वाद देने आते हैं। अमावस्या के दिन दोपहर में पितरों को धूप दान करना चाहिए। इस दौरान अपने पितरों का ध्यान करते रहना चाहिए।