- खुद अपने कार्यक्रम की कवरेज को काफी तसल्ली से उन्होंने समाचार पत्र को देखा और पढ़ा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मेरठ महोत्सव में गंगा अवतरण नाट्य प्रस्तुति देने पहुंची मथुरा से सांसद एवं बॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री हेमा मालिनी का दिल्ली-रुड़की हाइवे स्थित गॉडविन होटल प्रवास रहा। सोमवार सुबह ब्रेकफास्ट के वक्त उन्होंने दैनिक जनवाणी समाचार पत्र को देखा और उसमें प्रकाशित खबरों का अवलोकन किया। खुद अपने कार्यक्रम की कवरेज को भी पढ़ा। काफी तसल्ली से उन्होंने समाचार पत्र को देखा और पढ़ा।
सोमवार सुबह होटल में वरिष्ठ अभिनेत्री हेमा मालिनी ने दैनिक जनवाणी अखबार का अवलोकन किया। सुबह उनके पास दैनिक जनवाणी समाचार पत्र पहुंचा तो उसे देखकर वह खुश नजर आई। उन्होंने मेरठ महोत्सव को लेकर जनवाणी की कवरेज की प्रशंसा की। साथ ही गंगा अवतरण नाट्य प्रस्तुति को लेकर की गई कवरेज और अखबार में खबर की साज-सज्जा की भी प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि दैनिक जनवाणी का खबरों का अंदाज निराला है और प्रशंसनीय है। इस दौरान उन्होंने मेरठ को तरक्की ऊंचाइयों की तरफ जाता शहर बताया। कहा कि 1999 में जब पहली बार कार्यक्रम करने के लिए यहां आयी थीं, तब और अब में जमीन आसमान का बदलाव है। हाइवे शानदार हो गए और दिल्ली से कनेक्टिविटी लाजवाब हो गई है।
हर किसी को नहीं मिलता यहां प्यार जिंदगी में…
मेरठ महोत्सव की तीसरी शाम सुर, ताल और सरगम की धुन पर सजी। शाम का आगाज ब्रास बैटल के साथ किया गया। जिसमें मेरठ से अशोका बैंड, गोलचा बैंड व दीपक ब्रास बैंड ने देशभक्ति के गीतों की धुन बजाकर दर्शकों को देशभक्ति से ओतप्रोत कर दिया। इसके बाद अजरारा घराने से मुहम्मद अकरम खां द्वारा तबले की मनमोहक प्रस्तुति दी गयी। जिसे सुनकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया। जिसके बाद मल्हू सिंह आर्य इंटर कॉलेज के छात्रों ने मैं उत्तर प्रदेश हूं की झांकी प्रस्तुत की।
जिसमें आगरा से ताजमहल, रानी लक्ष्मीबाई, मंगल पांडेय, गंगा यमुना का संगम, चित्रकूट, काशी मथुरा की झांकी नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत की। इसी क्रम में रंगबिरंगी रोशिनी लेजर शो हुआ। जिसके बाद फिल्मी व क्लासिकल संगीत से पैरिस ओलिंपिक तक अपनी अपनी आवाज का जादू बिखेरने वाली बॉलीवुड सिंगर नीति मोहन सोमवार को मेरठ महोत्सव में लाइव स्टेज शो के लिए पहुंची। उन्होंने स्टेज पर नारी है सब पर भारी, जिया रे जिया रे के साथ स्टेज पर डांस प्रस्तुति करके एंट्री की। जिसके बाद उन्होंने मेरठ के श्रोताओं का अभार व्यक्त करते हुए कहा मेरठ की ऐतिहासिक और पावन धरती को नमस्कार करती हूं।
ठंड और बारिश में भी दर्शक मैदान में खुले आसमान के नीचे सुरों की शाम देखने के लिए बैठे रहे। जिसके बाद नीति मोहन ने एक के बाद एक फिल्मी गीत गाकर लोगों का दिल जीत लिया। दर्शक लगातार गानों की फरमाइश करते रहे। नीति ने बैक टू बैक परफॉरमेंस दी। नीति ने शुरुआत इश्क वाला लव से की जिसके बाद दूसरा गाना बच्चो को समर्पित करते हुए तू है तो दिल धड़कता है, रब वरगा, साड़ी गली आजा माही, मेरी जान मेरी जान,
हर किसी को नहीं मिलता प्यार जिंदगी में, केसरिया तेरा इश्क है पिया, नमो: नम: देवा देवा आदि गाने प्रस्तुत किए। नीति की लाइव परफॉर्मेंस के दौरान भामाशाह पार्क में संगीत के दीवाने फोन में नीति को कैद करते सेल्फी करते और झूमते नजर आये। इस दौरान आकाश से रंगबिरंगी झालर और पत्तियां झड़ती नजर आयी। लोगों ने फोन की फ्लैश लाइट दिखाते नजर आए।
कवि सम्मेलन में हास्य कविताएं सुनकर श्रोताओं में फूटे हंसी के फव्वारे
मेरठ महोत्सव के आर्ट फेस्टिवल एरेना में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें मध्यप्रदेश, झांसी, इंदौर और रायबरेली के कवियों ने समा बांध दिया। इस दौरान हास्य कविताएं सुनकर श्रोताओं में हंसी के फव्वारे फूटे। भामाशाह पार्क में आयोजित मेरठ महोत्सव में हर वर्ग और उम्र के लोगों के मनोरंजन की इंतजाम किया गया है। हर मिनट और यहां एक के बाद एक कार्यक्रम किए जा रहे है। जिसमें मेरठ के स्कूली बच्चे, शिक्षक-शिक्षिकाएं, उद्यमी, व्यापारी समेत हर वर्ग के लोग जमकर लुत्फ उठा रहे है।
महोत्सव के तीसरे दिन कवि सम्मेलन का भी आयोजन हुआ। जिसमें झांसी ललितपुर से कवि पंकज पंडित, मध्यप्रदेश से कवि सौरभ सूर्या, इंदौर नगर निगम में कार्यरत कवि अपूर्वा चतुर्वेदी और रायबरेली से पहुंचे हास्य कवि उत्कर्ष उत्तम ने अपनी कविताओं से समा बांध दिया। संचालन करते हुए कवि पंकज पंडित ने सनातन और हिंदी के सम्मान का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आपको लगती होगी भाषा, लेकिन मैं हिंदी को मां कहता हूं।
इसके बाद उन्होंने मां शारदे के लिए चार लाइन कहते हुए कहा कि मुस्कुराती जिंदगानी चाहिए, काव्य में ऐसी रवानी चाहिए…सारी दुनिया आपकी हो जाएगी, बस उसका हाथ सिर पर होना चाहिए। इसके बाद हास्य कवि उत्कर्ष उत्तम ने एक से बढ़कर एक हास्य कविताएं सुनाकर श्रोताओं की तालिया बटोरी। कवि सौरक्ष सूर्या ने भी अपनी कविताओं से देशभक्ति का संदेश दिया। कवि पंकज ने अपनी कविताओं से मुबंई की 26/11 हमले की याद दिलाते हुए खाकी वर्दी का सम्मान किया।