Monday, January 6, 2025
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विदेश जाना सस्ता, देश में जाना हुआ महंगा

  • एयर लाइंस कंपनियों की कारगुजारी से न्यू ईयर पर होटल इंडस्ट्रीज को फटका

जनवाणी संवाददाता  |

मेरठ:  एयर लाइंस कंपनियों के बेतुके फैसलों ने न्यू ईयर पर देश की होटल इंडस्ट्रीज को बड़ा नुकसान पहुंचाने का काम किया है। जो लोग देश के भीतर मसल दिल्ली से मुंबई, गोवा या ऐसे ही किसी दूसरे डेस्टिनेशन पर न्यू ईयर मनाना चाहते थे, हवाई किराए में अंधाधुंध की गई वृद्धि के बाद उन्होंने एन मौके पर पर न्यू ईयर का अपना प्लान चेंज किया और बजाए देश में कहीं न्यू ईयर मनाने के बड़ी संख्या में लोग देश से बाहर निकल गए।

इसकी बड़ी कीमत देश की होटल इंडस्ट्रीज को चुकानी पड़ी। गोवा सरीखे तमाम ऐसे डेस्टिनेशन जो न्यू ईयर सरीखे जश्न के लिए खास पहचान रखते हैं और लोगों की पहली पसंद भी हैं, वहां बड़ी संख्या में बुकिंग कैंसिल हुईं। जितने लोगों के पहुंचने की उम्मीद की जा रही थी, उतने लोग नहीं पहुंचे। इसकी बड़ी वजह घरेलू हवाई उड़ानों के किराए में भारी वृद्धि बड़ी वजह बतायी गयी है।

लोगों ने कराए प्लान चेंज

टूर और ट्रेवल एजेंसी चलाने वाले बॉम्बे बाजार के नितिन सबरवाल ने बताया कि विमानों का किराया बढ़ने की वजह से लोगों न्यू ईयर के प्लान चेंज कराए। हालांकि ऐन मौके पर न्यू ईयर पर प्लान चेंज कराना महंगा पड़ता है, लेकिन देश में कहीं भी जाने से वो फिर भी सस्ता व सुरक्षित रहा। सदर इलाके में गोपाल एंड संस बुकिंग एजेंसी चलाने वाले गौरव गोयल ने बताया कि विमान कंपनियों की वजह से ही इस बार न्यू ईयर पर होटल इंडस्ट्रीज को नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने बताया कि जितने पैसे देकर इंडिया में किसी भी जगह जाते उससे बहुत कम पैसे खर्च कर लोगों ने विदेशों में शानदार न्यू ईयर मनाया।

शहर के कोतवाली इलाके में टूरिस्ट पैकेज मुहैय्या कराने वाले सलीम-हनीफ ने बताया कि इस बार न्यू ईयर पर जो लोग घरेलू विमानन कंपनियों की फ्लाइट से दिल्ली से मुंबई या फिर अन्य घरेलू जगह गए उन्हें अधिक किराया चुकाना पड़ा। घरेलू हवाई यात्रियों के लिए अच्छी बात नहीं है इसके इतर जिन्होंने न्यू ईयर सेलिब्रेट किया, उन्हें अंतर्राष्ट्रीय रूटों वाली फ्लाइटों के लिए कम किराया देना पड़ा। यह उनके लिए अच्छा रहा जो न्यू ईयर मनाने के लिए विदेशों में जाते हैं।

घरेलू रूटों पर महंगा क्यों?

आइए, जानते हैं कि हवाई किराये में इस अंतर के बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं। जानकारों की मानें तो कुछ समय से हवाई यातायात बढ़ने और सीमित क्षमता के कारण प्रमुख मार्गों पर घरेलू हवाई किराये में 40 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। देश में रोजाना औसतन 4.5 लाख यात्री घरेलू उड़ानों से यात्रा करते हैं। जहां देश की आबादी का केवल एक छोटा प्रतिशत हवाई यात्रा करता है, वहीं क्षमता की कमी एक प्रमुख चुनौती है।

टॉप-20 पर मारामारी

टॉप-20 घरेलू मार्गों पर औसत किराये में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इन मार्गों में मुंबई-दिल्ली, बेंगलुरु-दिल्ली, बेंगलुरु-मुंबई और दिल्ली-हैदराबाद शामिल हैं। यह भी आशंका जतायी जा रही है कि विमानों की कमी की वजह से घरेलू रूटों पर किराये में बढ़ोतरी का दौर वित्त वर्ष 2025-26 तक जारी रहेगा।

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