Monday, March 24, 2025
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Shanishchari Amavasya 2025: कब है साल की पहली शनिश्चरी अमावस्या? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। हिंदू धर्म में शनिदेव को न्यायप्रिय और कर्मफलदाता का देवता माना जाता है। शनि देव की कृपा होना बहुत ही जरूरी माना जाता है, क्योकि जब शनि अशुभ स्थिति में होते हैं, तो जीवन में अनेक कष्ट और बाधाएं आती हैं। शनिश्चरी अमावस्या का दिन शनिदेव की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। ऐसे में शनिदेव की विधिपूर्वक पूजा करने से शनि दोष, पितृ दोष और अन्य ग्रह दोषों का प्रभाव कम होता है।

इस साल पहली शनिश्चरी अमावस्या 29 मार्च को पड़ रही है। यह चैत्र मास की अमावस्या होगी, जो शनि देव की कृपा पाने और जीवन की परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए बहुत ही शुभ मानी जाती है। खास बात यह है कि इस दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण भी पड़ने वाला है, जिससे यह दिन और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। साथ ही, इसी दिन शनि मीन राशि में गोचर करने वाले हैं, जो कई राशियों के लिए बड़े बदलाव लाएगा।

शनिश्चरी अमावस्या तिथि और शुभ मुहूर्त

  • अमावस्या तिथि प्रारंभ- 28 मार्च 2025, सायं 7:55 पर
  • अमावस्या तिथि समाप्त- 29 मार्च 2025, सायं 4:27 पर
  • स्नान का शुभ मुहूर्त- प्रातः 4:40 से प्रातः 5:27 तक
  • पूजा का शुभ मुहूर्त- प्रातः 7:46 से प्रातः 9:19 तक

महत्व

शनिश्चरी अमावस्या को काफी शुभ माना जाता है। ऐसे में शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय कर सकते हैं। इसके साथ ही इस दिन पितरों की पूजा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। माना जाता है कि इस दिन तर्पण और पिंडदान करना शुभ माना जाता है। इससे पितृ दोष से भी छुटकारा मिल जाता है। शनि देव की कृपा पाने के लिए इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना और दीपक जलाना बहुत शुभ होता है। इस दिन सरसों का तेल, काले तिल और उड़द दाल का दान करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।

शनिश्चरी अमावस्या पर क्या करें?

  • सूर्योदय से पहले स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  • पीपल के पेड़ की पूजा करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
  • शनि देव को सरसों का तेल, काले तिल और उड़द दाल अर्पित करें।
  • “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • गरीबों को भोजन कराएं और जरूरतमंदों की मदद करें।
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