जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: कंगना रनौत के दफ्तर में बीएमसी द्वारा की गई तोड़फोड़ के बाद ये मामला बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंच चुका है। कंगना ने बीएमसी की तोड़फोड़ के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील की थी।
गुरुवार दोपहर 3 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई होनी थी। हालांकि कोर्ट ने 22 सितंबर तक के लिए सुनवाई टाल दी है। कोर्ट ने कहा है कि कंगना को इस मामले में 14 सितंबर तक दस्तावेज देने होंगे। वहीं कोर्ट ने 18 सितंबर तक बीएमसी को लिखित जवाब देने को कहा है।
कंगना के वकील रिजवान सिद्दीकी का आरोप है कि बीएमसी ने इस कार्रवाई को गैर-कानून तरीके से किया। इसके लिए वह बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में गए और इस पर तत्काल सुनवाई हुई, जिसके बाद इस तोड़फोड़ पर रोक लगा दी गई।
इस बीच कंगना पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करने पर एफआईआर दर्ज की गई है। दरअसल एक वीडियो को साझा करते हुए कंगना ने उद्धव ठाकरे को ‘तू’ कहा था।
ये एफआईआर मुंबई के विक्रोली थाने में दर्ज हुई है। वकील नीतिन माने ने एफआईआर दर्ज कराते हुए कहा है कि वह कोर्ट में कंगना को घसीटेंगे। चूंकि उद्धव ठाकरे का इस पूरे मामले से कोई लेना देना नहीं है, फिर भी कंगना ने उन्हें इस मामले में घसीटा। एक राज्य के सीएम के लिए इस तरह के शब्दों का प्रयोग ठीक नहीं है।
दरअसल एक वीडियो में कंगना ने कहा था- उद्धव ठाकरे तुझे क्या लगता है कि तूने फिल्म माफिया के साथ मिलकर मेरा घर तोड़कर मुझसे बहुत बड़ा बदला लिया है। आज मेरा घर टूटा है कल तेरा घमंड टूटेगा… उद्धव ठाकरे यह वक्त का पहिया है हमेशा एक जैसा नहीं रहता है। आज मैंने महसूस किया है कि कश्मीरी पंडितों पर क्या बीती होगी। आज मैं देश को वचन देती हूं कि मैं कश्मीर पर भी एक फिल्म बनाऊंगी और अपने देशवासियों को जगाऊंगी। मेरे साथ जो हुआ है इसका कोई मतलब है… कोई मायने है।