जनवाणी ब्यूरो
नई दिल्ली: विश्व भारती विश्वविद्यालय के मेला प्रांगण में हुई तोड़फोड़ की घटना की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच शुरू कर दी। ईडी ने बीरभूम पुलिस अधीक्षक को पत्र लिख कर मामले में दर्ज एफआईआर की कॉपी मांगी है।
इस मामले में दोनों पक्षों, विश्वविद्यालय के अधिकारियों और स्थानीय लोगों जिन्हें कथित तौर पर सत्तारूढ़ दल टीएमसी का सदस्य बताया जा रहा है ने परिसर में तोड़फोड़ के बाद एफआईआर दर्ज कराई थी।
वहीं इस मामले में स्थानीय प्रशासन द्वारा शांति बनाए रखने के लिए बुलाई गई बैठक में विश्व भारती के प्रशासन ने हिस्सा नहीं लिया। बैठक में हिस्सा नहीं लेने के फैसले को विश्व भारती ने सही ठहराते हुए कहा कि बैठक का समय और दिन विश्वविद्यालय के वीसी से बिना परामर्श किए बिना तय किया गया था।
विश्वविद्यालय ने बयान जारी कर कहा कि यह बैठक बोलपुर के एसडीओ दफ्तर के बजाय विश्वविद्यालय परिसर में किए जाने की सिफारिश की जानी चाहिये। वहीं बीरभूम के जिलाधिकारी मौमिता गोदारा ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो अगली बैठक परिसर में की जा सकती है।
बैठक में हिस्सा लेने वाले अधिकांश लोगों ने पोष मेला ग्राउंड पर दीवार बनाने के फैसले को गलत बताया। स्थानीय कलाकार और शिल्पकारों जो मेरेल में अपना सामान बेचते हैं उन्होंने भी विश्व भारती के फैसले का विरोध किया है।