Tuesday, August 26, 2025
- Advertisement -

संगत का असर


पद्मपुराण में एक कथा है। एक बार एक शिकारी शिकार करने गया, शिकार नहीं मिला, थकान हुई और एक वृक्ष के नीचे आकर सो गया। पवन का वेग अधिक था, तो वृक्ष की छाया कभी कम-ज्यादा हो रही थी, डालियों के यहां-वहां हिलने के कारण।

वहीं से एक अतिसुंदर हंस उड़कर जा रहा था, उस हंस ने देखा की वह व्यक्ति बेचारा परेशान हो रहा हैं, धूप उसके मुंह पर आ रही हैं तो ठीक से सो नहीं पा रहा हैं, तो वह हंस पेड़ की डाली पर अपने पंख खोल कर बैठ गया ताकि उसकी छांव में वह शिकारी आराम से सोए।

जब वह सो रहा था तभी एक कौआ आकर उसी डाली पर बैठा, इधर-उधर देखा और बिना कुछ सोचे-समझे शिकारी के ऊपर अपना मल विसर्जन कर वहां से उड़ गया। तभी शिकारी उठ गया और गुस्से से यहां-वहां देखने लगा और उसकी नजर हंस पर पड़ी और उसने तुरंत धनुष बाण निकाला और उस हंस को मार दिया।

हंस नीचे गिरा और मरते-मरते हंस ने कहा:- मैं तो आपकी सेवा कर रहा था, मैं तो आपको छांव दे रहा था, आपने मुझे ही मार दिया? इसमें मेरा क्या दोष? उस समय उस पद्मपुराण के शिकारी ने कहा: यद्यपि आपका जन्म उच्च परिवार में हुआ, आपकी सोच आपके तन की तरह ही सुंदर हैं, आपके संस्कार शुद्ध हैं, यहां तक की आप अच्छे इरादे से मेरे लिए पेड़ की डाली पर बैठ मेरी सेवा कर रहे थे, लेकिन आपसे एक गलती हो गई।

ब आपके पास कौआ आकर बैठा तो आपको उसी समय उड़ जाना चाहिए था। उस दुष्ट कौए के साथ एक घड़ी की संगत ने ही आपको मृत्यु के द्वार पर पहुंचाया हैं। इसलिए संसार में संगति का सदैव ध्यान रखना चाहिये। जो मन, कार्य और बुद्धि से परमहंस हैं उन्हें कौओं की सभा से दूरी बनाए रखना चाहिए।


spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

सुग्रीव पर राम कृपा

हनुमान जी श्री राम के पास पहुंचे। वार्तालाप के...

नहीं बनें मन के गुलाम

विचारों के सागर में मन कभी ऊपर उठता है,...

अंतिम संदेश

एक दिन महात्मा बुद्ध ने अपना अंतिम भोजन ग्रहण...

वोट चोरी न कहो इसको

भई, विपक्ष वालों की ये बात ठीक नहीं है।...

Saharanpur News: निर्माणाधीन रेलवे पुल के कार्य में तेज़ी लाने के लिए डीएम से मिले विधायक देवेंद्र निम

जनवाणी संवाददाता | सहारनपुर: रामपुर मनिहारान क्षेत्र में निर्माणाधीन रेलवे...
spot_imgspot_img