- सूची तैयार, नहीं होने दिया जाएगा अवैध निर्माण
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: परतापुर से लेकर मोदीपुरम के बीच ग्रीन बेल्ट में बने निर्माण पर एमडीए कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा हैं। जोनल अधिकारी अरुण शर्मा ने ग्रीन बेल्ट में बने निर्माणों पर कार्रवाई करने के आदेश दिये हैं। इनकी सूची भी तैयार कर ली गई है। उनका कहना है कि ग्रीन बेल्ट में किसी तरह का निर्माण नहीं होने दिया जाएगा। इसको लेकर एनजीटी भी सख्त है तथा इसकी रिपोर्ट एनजीटी को भेजी जा रही हैं।
परतापुर से बागपत बाइपास के बीच में व्यापक स्तर पर ग्रीन बेल्ट में निर्माण कर दिये गए हैं। इन निर्माणों पर एमडीए कार्रवाई नहीं कर पा रहा हैं। बिग बाइट के सामने ग्रीन बेल्ट में एक होटल बनकर तैयार हो गया हैं। वर्तमान में उसमें फिनिशिंग चल रही हैं। इस पर भी नोटिस भेजने के अलावा एमडीए कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा हैं। ऐसा जब है, इसको लेकर एनजीटी में भी शिकायत पहुंच गई हैं।
फिर भी कार्रवाई से क्यों बचा जा रहा हैं। बुधवार को जोन-सी के जोनल अधिकारी अरुण शर्मा ने बताया कि ग्रीन बेल्ट में बने निर्माणों पर जेई से रिपोर्ट मांग ली गई हैं तथा आदेश दिये गए है कि ग्रीन बेल्ट में बने निर्माणों पर तत्काल ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाए। एनएच-58 पर स्थित जैन शिकंजा पर बुलडोजर चलेगा, इसके आदेश कर दिये हैं। इसी तरह से ग्रीन बेल्ट में कई होटल और विवाह मंडप बनकर तैयार हो गए।
इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही हैं। सुभारती से लेकर परतापुर के बीच व्यापक स्तर पर निर्माण चल रहे हैं। जगह-जगह ढाबे और होटल बनाये जा रहे हैं, इन पर एक पर भी कार्रवाई नहीं की गई। इसको लेकर जोनल अधिकारी ने सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए जेई से कार्रवाई करने के आदेश दिये हैं।
आज भी चलेगा एमडीए का पीला पंजा
मेरठ विकास प्राधिकरण गुरुवार को कई स्थानों पर अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलायेगा। इसकी तैयारी बुधवार को ही पूरी कर ली गई हैं। इसके लिए फोर्स की मांग भी की गई हैं। प्राधिकरण उपाध्यक्ष मृदुल चौधरी ने खुद भी पुलिस अधिकारियों से फोर्स उपलब्ध कराने के लिए बात की हैं, ताकि ध्वस्तीकरण के दौरान कोई दिक्कत पैदा नहीं हो।
गुरुवार को भी ध्वस्तीकरण की बड़ी कार्रवाई होगी। बताया गया कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई चारों जोन में चलेगी। इसमें करीब 10 से ज्यादा अवैध निर्माण गिराये जाएंगे। इसकी पुष्टि प्राधिकरण के इंजीनियरों ने भी की है।
किसानों का एमडीए को चुनौती का ऐलान, लड़ाई आर-पार की होगी
मेरठ विकास प्राधिकरण और किसानों के बीच टकराव होना तय माना जा रहा हैं। 25 जून को एमडीए जमीन पर कब्जा लिया जाएगा। किसान भी विरोध करने के लिए डटे हैं। किसानों ने मीटिंग कर ऐलान कर दिया कि जमीन पर कतई कब्जा नहीं होने देंगे। ऐसे में टकराव के हालात पैदा हो सकते हैं। एमडीए वीसी ने भी भारी मात्रा में फोर्स की मांग की हैं। अब देखना यह है कि किस तरह से किसानों को कंट्रोल किया जाएगा।
गंगानगर आवासीय योजना विस्तार के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा नहीं मिलने पर एक बार फिर किसान धरने पर बैठ गए। किसानों का धरने पर बैठने का मकसद सिर्फ और सिर्फ उनका मुआवजा नहीं मिलना है। किसानों का सीधा सीधा आरोप है कि मेरठ विकास प्राधिकरण अवैध रूप से उनकी जमीन पर कब्जा कर रहा हैं। उधर, एक तरफ तो पूरे प्रदेश में अवैध कब्जा करने वालों पर अभियान चलाया जा रहा है और किसानों का कहना है कि उल्टा अधिकारी उनकी जमीन पर ही अवैध रूप से कब्जा कर रहे हैं।
किसानों की मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा 1990 में गांव अब्दुल्लापुर कि लगभग 246 एकड़ भूमि को अधिग्रहित किया गया था। उसके बाद से ही किसानों और मेरठ विकास प्राधिकरण के बीच विवाद चला रहा है। किसानों ने बताया कि गंगानगर विस्तार योजना के लिए 37 एकड़ भूमि प्रतिकार की मांग कर रहे हैं। उसके बाद भी अधिकारियों द्वारा किसानों को आश्वासन दिया जा रहा है। मेरठ विकास प्राधिकरण की तरफ से कोई निर्णय नहीं निकलने के बाद गंगानगर और अब्दुल्लापुर के किसान धरने पर बैठे हुए हैं।
किसानों के साथ में उनके घर की महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। किसानों ने ऐलान किया है कि अब मेरठ विकास प्राधिकरण के साथ में उनकी आर-पार की लड़ाई होगी और जब तक किसानों का पैसा नही दिया जाएगा, तब तक किसानों की कृषि भूमि पर प्राधिकरण को कब्जा नहीं दिया जाएगा। उधर, किसानों को संबोधित करते हुए किसान नेता राममेहर सिंह ने कहा कि किसानों को उनका हक दिलवाकर रहूंगा। चाहे इसके लिए उन्हें मुख्यमंत्री आवास तक धरना देना पड़े।