- धरातल पर कैंट की वास्तविकता जानने को जनवाणी टीम ने की पड़ताल, पानी एटीएम पड़े हैं बंद
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कागजों में भले ही मेरठ कैंट स्मार्ट घोषित हो, लेकिन धरातल पर वास्तविकता जानने के लिए जनवाणी टीम ने पड़ताल की। सौंदर्यीकरण के नाम पर फव्वारे प्रत्येक चौराहे पर चालू किये गए थे। ये फव्वारे खराब पड़े हैं। यहीं पर स्ट्रीट लाइट भी लगाई गयी थी, जो लंबे समय से जलती ही नहीं हैं। चौराहों के सौंदर्यीकरण पर करोड़ों रुपये कैंट अधिकारियों ने खर्च किये थे।
जिन ठेकेदारों ने सौंदर्यीकरण व फव्वारा चालू किया था, उनके साथ अनुबंध था, लेकिन फिर भी उन पर कैंट बोर्ड के अधिकारी चाबुक नहीं चला पा रहे हैं। आखिर इसके लिए जवाबदेही किसकी हैं? क्या सिर्फ कुछ दिनों के लिए फव्वारे चालू करने के लिए ही सरकारी खजाने को चोट पहुंचाने के लिए यह सब किया गया था। इसको लेकर कैंट बोर्ड के अधिकारियों को गंभीरता दिखानी होगी।
फव्वारे तो तमाम खराब पड़े है ही, साथ ही आवारा पशु भी कैंट की सड़कों पर बेलगाम घूम रहे हैं। इन पर लगाम नहीं कसी जा रही हैं, जो स्मार्ट कैंट के स्लोगन पर सवाल खड़े कर रहे हैं। आखिर इसको अधिकारी गंभीरता से क्यों नहीं लिया जा रहा हैं। कैंट क्षेत्र में बद इंतजाम की तस्वीर सामने हैं। जनवाणी फोटो जर्नलिस्ट ने खराब सरकारी सिस्टम की कलई खोलने के लिए जो तस्वीर कैमरे में कैद की है, वो बता रही है कि कैंट ऐसे स्मार्ट कैसे हो सकता हैं?
जिधर देखो कैंट स्मार्ट की कलई खुल रही थी। कैंट के चौराहों को स्मार्ट बनाने के लिए फव्वारे भी लगाए गए थे कभी, लेकिन वर्तमान में तमाम फव्वारे और उन पर लगी लाइट खराब पड़ी हैं। एक भी फव्वारा और स्ट्रीट लाइट यहां नहीं जलती है। ऐसा है हमारा स्मार्ट कैंट हैं। यह सब सरकारी दस्तावेज में ही स्मार्ट कैंट का नारा अच्छा लगता है धरातल पर नहीं।
कैंट क्षेत्र में आवारा पशुओं का झुंड इधर-उधर घूमता रहता है, इनको पकड़ने के लिए कैंट अधिकारियों ने टीम तक गठित कर रखी है, लेकिन फिर भी कोई पशुओं को नहीं पकड़ता नहीं। आवारा पशु भी स्मार्ट कैंट के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं। महत्वपूर्ण बात ये है कि कैंट तमाम चौराहों के सौंदर्यीकरण फव्वारा लगाकर किया गया था। वर्तमान में उनकी दशा देखकर कैंट के अधिकारियों के सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे।
सीईओ के आवास के पास में भी फव्वारा चौक बनाया गया था, वह फव्वारा भी नहीं चल रहा है। क्यों नहीं चल रहा है? इसको कोई पूछने वाला नहीं हैं। बात सफाई की जाए तो उसका भी बुरा हाल है। आउटसोर्सिंग पर तैनात सफाई कर्मी पूरा हंगामा किए हुए हैं।
उनके वेतन में अवैध कटौती जो की जा रही है, इसको लेकर कैंट के अधिकारियों पर अंगूली उठना लाजमी है। डीएम को भी इसमें सफाई कर्मियों ने ज्ञापन दिया है। कैंट में कई कई दिनों तक कूड़ा नहीं उठाया जाता है, जो वर्तमान में बड़ी समस्या बन गया है। इसको लेकर लगता है अधिकारी भी गंभीर नहीं है। सिविल क्षेत्र में कई दिनों तक कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। इसको लेकर सफाई अधिकारियों पर शिकंजा नहीं कसा जा रहा है। सड़कों का तो और भी बुरा हाल है। कैंट की सड़कों की मरम्मत तक नहीं हो पा रही है। नए सिरे से सड़क बनाना तो बड़ी दूर की बात है।