- कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने अफसरों को दो टूक कहा, लापरवाही मिलने पर कार्रवाई के लिए रहे तैयार
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जिलाधिकारी, एसएसपी, सीडीओ सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी जनता की समस्याओं को गंभीरतापूर्वक सुने। प्रतिदिन 10 से 12 तक जनसुनवाई की जाए। इसमें किसी तरह की लापरवाही मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। जो अधिकारी नियमित रूप से कार्यालय में नहीं बैठ रहे, उनका औचक निरीक्षण व सत्यापन कराया जाएगा, जिसमें कार्रवाई की जाएगी। जिन अधिकारियों के पास फील्ड विजिट, निरीक्षण, सत्यापन आदि दायित्व है, वे सुनिश्चित करें कि फील्ड में गंभीरता से अपने दायित्वों का अनुपालन करें।
ड्यूटी से नदारद रहने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्रत्येक जनपद में आवश्यकता के दृष्टिगत जनहित की महत्वपूर्ण परियोजनाओं को चिन्हित कर लिया जाए तथा उसके क्रियान्वयन के लिए शीर्ष प्राथमिकता पर कार्रवाई की जाए। मेरठ में खेल विश्वविद्यालय, चौधरी चरण सिंह कांवड़ मार्ग, मेरठ हवाई पट्टी आदि परियोजनाओं को प्राथमिकता पर लिया जाए। गांव में गंदगी से अटे तालाब तथा उसके कारण होने वाले जलभराव, दुर्गंध, बीमारियों आदि के समाधान के लिए अभियान चलाकर तालाबों की सफाई कराई जाए। कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह कमिश्नर सभागार में मंडल भर के अधिकारियों की मीटिंग ले रहे थे, जिसमें ये निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों में साफ सफाई एवं स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए कार्यालय के भवन में सीलन ना हो यह सुनिश्चित कर लें। इसी प्रकार कार्यालय भवन की छत की भी सफाई रखें। छत पर घास, पेड़ पौधे न उगे। कार्यालयों में बिजली के तारों की फिटिंग भी ठीक कराई जाए। अनावश्यक रूप से तार इधर उधर ना लटके हों और विद्युत सुरक्षा के प्रबंध भी किए जाएं। कार्यालय में आगंतुकों के लिए पेयजल, शौचालय और साइनेज की उपलब्धता हो। कार्यालय में जलभराव, गंदगी न रहे।
अपने घर की तरह कार्यालय की देखभाल करें। सभी एसडीएम, तहसीलदार, पुलिस क्षेत्राधिकारी, सीएससी एवं पीएचसी के डॉक्टर अपने मुख्यालय पर निवास करें। सभी जनपदों से इस आशय का प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाए कि अधिकारी मुख्यालय पर निवास कर रहे हैं। इसके उपरांत औचक निरीक्षण किए जाएंगे। भ्रष्टाचार पर रोकथाम के लिए भ्रष्ट एवं अकर्मणीय कार्मिकों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई करें और अगली बैठक में अवगत कराएं।
मृतक आश्रित के रूप में नियुक्त विभिन्न ऐसे कर्मचारी हैं जिन्हें टाइप टाइपिंग का भी ज्ञान नहीं है, जबकि उनकी नियुक्ति करते समय उन्हें टाइपिंग सीखने के लिए 1 से 2 वर्ष का समय दिया जाता है। सभी विभाग अध्यक्ष प्रत्येक कार्यालय के मृतक आश्रित लिपिको का टाइपिंग टेस्ट (यदि नहीं हुआ है तो) तत्काल करवाए और अयोग्य/निष्क्रिय कर्मचारियों को बर्खास्त किया जाए। यह कार्यवाही अभियान चलाकर की जाए, अन्यथा संबंधित कार्यालय अध्यक्ष का उत्तरदायित्व निर्धारित होगा।
जनपदों के जिन विभागों में कर्मचारियों की कमी है उनमें अन्यत्र विभागों से अतिरिक्त कार्मिकों को तैनात किया जाए। जिलाधिकारी स्तर पर इसका आकलन कर लिया जाए। राजस्व/राजकीय वसूली में गंभीरता बरती जाए। लापरवाह एवं अनियमित कार्य करने वाले अमीनो, लेखपालों आदि को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करें। पुराने राजस्व वादों को अभियान चलाकर निस्तारित किया जाए।
सभी न्यायालयों में सप्ताह में 1 दिवस 5 वर्ष से अधिक पुराने वादों के निस्तारण के लिए आरक्षित कर दिया जाए। भूमि विवादों के समाधान के लिए लेखपाल/कानूनगो को उत्तरदाई बनाया जाए। उन्हें निर्देशित किया जाए कि विभिन्न भूमि संबंधी विवाद, जिनमें दो पक्षों के मध्य समझौता कर निस्तारण किया जा सकता है, को व्यक्तिगत रुचि लेकर निस्तारित कराएं।
नदियों की जाए सफाई
नदियों की सफाई के लिए शासनादेश पांच अप्रैल 2022 द्वारा मंडलायुक्त की अध्यक्षता में मॉनिटरिंग कमेटी गठित की गई है। सभी मुख्य विकास अधिकारियों से अपेक्षा की गई कि अपने-अपने जनपद की समस्याग्रस्त नदियों को चिन्हित कर लें तथा संबंधित जिला अधिकारी उनके पुनरुद्धार के लिए कार्य योजना बनाएं अगली बैठक में प्रत्येक नदी के विषय में कार्य योजना पर विचार कर किया जाएगा इसी प्रकार नदियों के किनारे वृक्षारोपण के लिए कार्य योजना तैयार करें।
माफियाओं को चिह्नित कर करें कार्रवाई
माफियाओं को चिन्हित कर कार्रवाई करें। इसको लेकर कमिश्नर और आईजी सख्त दिखाई दिये। उन्होंने मंडल भर के अधिकारियों की संयुक्त मीटिंग ली, जिसमें दो टूक कर दिया कि अपराधियों एवं माफियाओं को कठोर दंड से दंडित कराये तथा महिलाओं और बालिकाओं के विरुद्ध अपराध की रोकथाम, शस्त्र अधिनियम से संबंधित अधिनियम के अंतर्गत कड़ी कार्रवाई कराए जाने के निर्देश दिए।
प्रत्येक थाने के टॉप टेन अपराधियों/माफियाओं को चिन्हित कर उनके विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई की जाए। अवैध/कच्ची शराब की रोकथाम और हरियाणा एवं दिल्ली राज्य से शराब की तस्करी को रोका जाए। हाल ही में शराब की दुकानों के निरीक्षण में पाया गया कि कुछ दुकानों पर ओवर प्राइसिंग की जा रही है, ऐसे मामलों में दुकानदार के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई करने, एक्साइज इंस्पेक्टर के विरुद्ध चार्जशीट जारी करने तथा जिला आबकारी अधिकारी का स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए।
अपर निदेशक, चिकित्सा को निर्देशित किया गया कि इस आशय के कड़े निर्देश जारी करें कि सरकारी हॉस्पिटलों/मेडिकल कॉलेज में बाहर से दवाइयां ना लिखी जाए। भूमि विवादों और अतिक्रमण के लिए संबंधित लेखपाल व कानूनगो की जिम्मेदारी तय की जाएगी। जिन ग्रामों में कई वर्षों से चकबंदी चल रही है, उन गांव में जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी स्वयं जाकर चौपाल लगाएं और शिकायतों का समाधान करें। ग्रीष्म ऋतु में आग लगने की घटनाओं की रोकथाम के लिए सभी जिलों में आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
सभी गौशालाओं में भी व्यवस्थाएं दिखवा ली जाएं। विद्युत विभाग एक सप्ताह अभियान चलाकर यह सुनिश्चित कर ले कि विद्युत के तार ढीले-ढाले और नीचे लटके ना रहे। एक्सप्रेस-वे पर दुपहिया वाहनों के संचालन को सख्ती से प्रतिबंधित किया जाए। सस्ते गल्ले/सरकारी राशन की रिक्त दुकानों को अभियान चलाकर नियुक्ति कराई जाए। अभियोजन कार्यों की समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिए गए कि पॉक्सो के अंतर्गत मामलों में विशेष पैरवी करते हुए अधिक से अधिक अभियुक्तों को सजा दिलाए जाने का प्रयास किया जाए।
महिलाओं के विरुद्ध लैंगिक, बलात्कार एवं अन्य गंभीर अपराधों के प्रकरणों की समीक्षा की गई। जिन जनपदों में सजा का प्रतिशत कम है वहां विशेष पैरवी करने के निर्देश दिए गए। अभियोजन अधिकारी एवं जिला शासकीय अधिवक्ता गंभीर अपराधों में महत्वपूर्ण प्रकरणों में गंभीरतापूर्वक पैरवी करें और सजा कराने का प्रयास करें अकर्मण्यता शिथिलता पाए जाने पर उनका दायित्व निर्धारित किया जाएगा।
न्यायालयों में संचालित फर्जी जमानतदारो के रैकेट को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए। इसके लिए जमानतदारों के आधार कार्ड का भी सत्यापन कराया जाए। एक जमानतदार द्वारा कितने मामलों में जमानत दी गई है यह भी दिखाया जाए। अभियान चलाकर फर्जी जमानतियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।