- एक माह की खामोशी, बाहरी गाड़ियों की तलाशी के नाम पर वसूली
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुलिस पर लगाम कसने के लिए प्रदेश के अधिकारियों को भले ही कड़े निर्देश क्यों न दे रहे हो, लेकिन पुलिस है कि अपने रवैया में बदलाव लाने को तैयार नहीं और खाकी का रौब दिखाकर आए दिन अवैध वसूली करने से नहीं चूकते। जनपद में पुलिस के एक मामले ने पुलिस के द्वारा की जाने वाली अवैध धन उगाही की पोल खोल दी है।
कोरोना के बढ़ते प्रकोप और अनलॉक-5 शुरू होते ही ट्रैफिक पुलिस एक बार फिर सक्रिय हो गई है। एक माह पहले एडीजी ने सख्त आदेश दिये थे कि दूसरे राज्यों की गाड़ियों को बेवजह चेक करके परेशान न किया जाए। एडीजी के सख्त रुख को देखते हुए एक महीने से अधिक समय तक शहर के बदनाम चेक प्वाइंट्स पर खामोशी छा गई थी।
एक सप्ताह से अब यह खौफ खत्म सा दिख रहा है और ट्रैफिक पुलिस उन्हीं चेक प्वाइंट्स पर फिर से संगठित लूट करने में सक्रिय हो गई है। शहर के बदनाम प्वाइंट्स मवाना रोड स्थित डेयरी फार्म, कंकरखेड़ा फ्लाईओवर, कंपनी गार्डन, परतापुर फ्लाईओवर, मोदीपुरम आदि स्थानों पर ट्रैफिक और थाना पुलिस बाहर से आने वाली गाड़ियों को कागज चेक करने के नाम पर रोकती है और न केवल उनसे वसूली करती है बल्कि उनको परेशान करती है।
इस संगठित लूट को रोकने का आदेश प्रदेश के कई डीजीपी कर चुके हैं, लेकिन इससे कोई स्थाई फर्क नहीं पड़ता दिखाई दिया। अब जबकि कोरोना से निपटने के लिये अनलॉक-5 भी शुरू हो गया है। ऐसे में दिल्ली, हरियाणा और अन्य राज्यों के लोग पहाड़ों की सैर के लिये निकलने लगे है।
ई-पास और कोरोना सर्टिफिकेट की अनिवार्यता खत्म होने के बाद सड़कों पर गाड़ियों की भरमार बढ़ गई है। शुक्रवार की सुबह ग्यारह बजे के करीब इन बदनाम प्वाइंट्स पर टैÑफिक पुलिस के जवान सक्रिय हो गए थे। दिल्ली और हरियाणा के अलावा ग्वालियर से देहरादून जा रही कार को रोक कर काफी देर तक सिपाही चालक से उलझते रहे और ले देकर उनको जाने दिया।
कंकरखेड़ा फ्लाईओवर से पहले ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय पुलिस का आतंक काफी देर तक रहा। गांधी जयंती, शनिवार और रविवार तीन अवकाश पड़ने के कारण पर्यटकों का निकलना फिर शुरू हो गया है। यही कारण था कि पूरे दिन परतापुर तिराहे पर जाम की स्थिति बनी रही। हाइवे हो या शहर की अंदरुनी सड़कों पर अन्य दिनों के मुकाबले काफी भीड़ दिख रही थी। जब इन गाड़ियों का काफिला प्वाइंट्स से गुजरता है तब इन पर भूखे गिद्धों की तरह ट्रैफिक पुलिस टूट पड़ती है।