Tuesday, July 9, 2024
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एनडीए से अलग हुई एआईएडीएमके, अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान

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  • पार्टी ने एनडीए छोड़ने का प्रस्ताव किया पास
  • लोकसभा और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: भाजपा और एनडीए से एक पार्टी ने खुद को जुद कर लिया। अन्नाद्रमुक यानि एआईएडीएमके ने ऐलान किया है कि वह आगामी ​लोकसभा और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। पार्टी के डिप्टी को—आर्डिनेटर केपी मुनुसामी ने आधिकारिक तौर पर बताया कि अन्नाद्रमुक यानि एआईएडीएमके अब भाजपा और एनडीए से सभी संबंध तोड़ रही है।

पार्टी नेताओं ने सोमवार को हुई एक मीटिंग में इस संबंध में एक प्रस्ताव भी पारित किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग पिछले एक साल से पार्टी नेताओं खासकर महासचिव ई पलानीसामी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं।

एआईएडीएमके प्रवक्ता शशिरेखा ने कहा- सदस्यों की राय के आधार पर हम यह प्रस्ताव लाए। यह एआईएडीएमके के लिए खुशी का क्षण है। हम आगामी लोकसभा या विधानसभा चुनाव अकेले अपने दम पर लड़ेंगे।

18 सितंबर को एआईएडीएमके नेता डी जयकुमार ने कहा था- तमिलनाडु के भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई हमारी पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्रियों सीएन अन्नादुरई और जयललिता पर बयानबाजी करते हैं। हमारे कार्यकर्ता इस बात को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।

एआईएडीएमके और भाजपा के बीच इस साल जून में ही कड़वाहट शुरू हो गई थी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा था कि तमिलनाडु सबसे भ्रष्ट राज्यों में से एक है, जहां पूर्व मुख्यमंत्री तक को दोषी ठहराया गया।

उनका इशारा तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता पर था। उन्‍हें आय से ज्यादा संपत्ति मामले में दोषी ठहराया गया था। हालांकि इस मामले में जयललिता आरोपी थीं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले उनका निधन हो गया था। इस मामले में उनकी सहयोगी शशिकला समेत अन्य लोग दोषी ठहराए गए।

2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से एआईएडीएमके भाजपा के साथ गठबंधन में राज्य में तीन चुनाव हार चुकी है। सूत्रों का दावा है कि एआईएडीएमके अब भाजपा को बोझ मानने लगी है। पिछले साल नवंबर में पलानीस्वामी ने कहा था कि उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने की जरूरत नहीं है। शाह निजी दौरे पर तमिलनाडु पहुंचे थे।

मार्च में भाजपा के पांच नेता एआईएडीएमके में शामिल हो गए थे। इनमें पार्टी के प्रदेश आईटी विंग के प्रमुख सीआरटी निर्मल कुमार भी शामिल हैं। निर्मल कुमार ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई पर आरोप लगाया है कि उनकी डीएमके की एक मंत्री के साथ साठगांठ है। निर्मल के अलावा 13 और नेता भी एआईएडीएमके में चले गए।

इससे पहले एआईएडीएमके के बड़े नेता और पूर्व मंत्री नैनार नागेंद्रन पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे और अभी विधानसभा में पार्टी के नेता हैं। इस पर एआईएडीएमके ने कहा- जब हमारे कैडर बीजेपी में जाते हैं तो वह छाती ठोकती है और जब उनके पार्टी कैडर हमारे साथ आते हैं तो वे चिल्लाने लगते हैं।

तमिलनाडु विधानसभा में भाजपा के सिर्फ 4 एमएलए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, जब एआईएडीएमके में ई पलानीसामी और ओ पन्नीरसेल्वम के बीच विवाद गहरा गया था तो भाजपा ने खुद को प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल के रूप में प्रोजेक्ट करना शुरू कर दिया था। इसी के बाद से दोनों सहयोगी दलों में मतभेद शुरू हो गए।

बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब के बाद तमिलनाडु चौथा राज्य है, जहां भाजपा के सहयोगी पार्टी से अलग हुए हैं। इससे पहले बिहार से नीतीश कुमार की जदयू, महाराष्ट्र से शिवसेना उद्धव गुट, पंजाब से शिरोमणि अकाली दल एनडीए से अलग हो चुके हैं।

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