Monday, July 1, 2024
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अजराड़ा घराने ने बिखेरा संगीत का जादू

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  • पटेल मंडप में हुआ कार्यक्रम का आयोजन, उमड़ी भीड़

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: नौचंदी मेले में स्थित पटेल मंडप में रविवार को मेरठ के अजराड़ा घराने की ओर से सास्त्रीय संगीत प्रस्तुत किया गया। यहां एक से बढ़कर एक कलाकारों ने परंपरा समारोह में प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य विकास अधिकारी शशांक चौधरी, समिति के सदस्य नरेन्द्र राष्ट्रवादी, अंकुर गोयल व अन्य सदस्यों ने संयुक्त रूप से किया। यहां अजराड़ा घराने के उस्ताद अकरम खां ने अपने कलाकारों के दल के साथ तबला वादन कर शास्त्रीय संगीत प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

अकरम के साथ, पं. विनय मिश्रा ने हारमोनियम पर प्रस्तुति दी, उस्ताद मुराद अली ने सारंगी बजाकर सभी को झूमने पर मजबूर किया। गुलाम हरसान ने गीता और सप्तक शर्मा तबले पर तान दी। यहां घराने की बात की जाये तो अजराड़ा घराना तबला वादन के मुख्य छह घरानों में से एक है।

कल्लू खान और मीरू खान द्वारा स्थापित अजराड़ा घराना तबला ढोल के छह मुख्य पारंपरिक स्कूलों में से एक है। इसकी विशेषता जटिल बोल और मींद का प्रयोग है। इस मौके पर रामपुर के सहसवान घराने के गुलाम हसन मियां गीत प्रस्तुत किया। यहां सभी कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी और पटेल मंडप में मौजूद लोगों को संगीत की धुनों पर झूमने पर मजबूर कर दिया।

अब नौचंदी मेले में उठाइये सर्कस का भी लुत्फ

नौचंदी मेला लगे और यहां मेले में सर्कस न हो तो मेले में आने वाले लोगों के हाथ सिवा मायूसी के कुछ नहीं लगता। पिछले कई सालों से ऐसा ही होता चला आ रहा था। नौचंदी मेले में सर्कस का आयोजन नहीं होता था, लेकिन इस साल नौचंदी मेले में सर्कस लगकर तैयार हो चुका है और उसके कई शो भी चलाये जा रहे हैं। मेले में बॉम्बे सर्कस लग चुका है। जोकि लोगों को अपनी ओर आकर्षित भी कर रहा है।

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नौचंदी मेला अपने अच्छे स्वरूप में पहुंच चुका है। नौचंदी मेले की पहचान नानखताई, हलवा-पराठा और खजले की दुकानों मेला स्थल से लेकर बाहर मुख्य मार्ग तक सज चुकी हैं। इसके अलावा यहां मेले में कई सालों से नहीं लगने वाला सर्कस भी इस साल लग चुका है और इसके साथ ही मौत का कुआं भी शुरू हो चुका है। बात सर्कस की करें तो यहां पिछले दो सालों से तो मेले का आयोजन हुआ ही नहीं था, लेकिन इससे पहले कई सालों से मेले में सर्कस का आयोजन नहीं हो पा रहा था

जिस कारण दूरदराज से आने वाले लोग अभी भी सर्कस देखने के लिये उत्सुक रहते थे, लेकिन इस बार प्रांतीय मेला घोषित होने के बाद प्रशासन ने सभी को यहां इनवाइट किया। जिसमें इस बार सर्कस का भी आयोजन हो रहा है। मेले में बॉम्बे सर्कस लग चुका है। सर्कस यहां नुमाइश बुलंदशहर से उठकर आया है और थोड़ी देर से ही यहां सर्कस का आयोजन हो पाया, लेकिन दो दिनों से सर्कस शुरू हो चुका है और यहां अच्छी खासी भीड़ भी सर्कस में दिखाई पड़ रही है।

करतब कर रहे हैं लोगों को आकर्षित

मेले में लगे सर्कस में हवा में करतब दिखाने वाले कलाकारों ने लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया हुआ है। इसके अलावा जोकर और अन्य कलाकर भी अपने पूरी प्रतिभा का जौहर दिखा रहे हैं। हालांकि पहले की तरह सर्कस में जानवर तो नहीं होते हैं, लेकिन यहां कार्य करने वाले कलाकारों ने अपने करतब दिखाकर लोगों को दांत तले अंगुलिया दबाने को मजबूर जरूर कर दिया है।

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