Monday, July 1, 2024
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आंगनबाड़ी केंद्रों में पैकेटों में बांटा जा रहा अनाज

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  • कुपोषण की काली छाया को मिटाने के ठोस जतन
  • कुपोषित बच्चों को देशी घी और सूखा दूध देना शुरू

वरिष्ठ संवाददाता |

सहारनपुर: जनपद के आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभार्थियों को चालू माह से पैकेटों में बंद अनाज दिए जाने की सोमवार को शुरुआत कर दी गई। कुपोषण को दूर करने की इस मुहिम में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों की मदद ली जाएगी।

समूह राशन कोटो से सूखे राशन का उठान कर उन्हें पैकेटों में बंद कर आंगनबाड़ी केंद्रों को सप्लाई करेगा। देशी घी और सूखा दूध प्रति तीन माह में एक बार दिया जाएगा। जनपद में सोमवार से इसकी शुरुआत हो चुकी है। पांच रंगों के पैकेटों में अलग-अलग आयुवर्ग के लाभार्थियों को राशन दिया जा रहा है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर आशा त्रिपाठी ने बताया कि जनपद के 3434 आंगनबाड़ी केंद्रों में देशी घी और सूखे दूध की सप्लाई शासन स्तर से होगी। देशी घी और सूखा दूध प्रति तीन माह में एक बार और साल में चार मर्तबा दिया जाएगा।

शेष गेहूं और चावल प्रतिमाह महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से राशन कोटों से उठान कर आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद पैकेट में उपलब्ध कराया जाएगा। दाल की खरीद समूहों के माध्यम से स्थानीय स्तर पर होगी। उन्होंने बताया कि अभी एक माह का अनाज वितरित होना शेष है, जिसे इसी माह करा दिया जाएगा।

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि छह माह से तीन वर्ष तक के बच्चों को एक किलो चावल, डेढ़ किलो गेहूं, तीन पाव दाल प्रतिमाह मिलेगी। जबकि 450 ग्राम देशी घी, 400 ग्राम सूखा दूध तीन माह में एक बार मिलेगा। इसी तरह 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को एक किलो चावल, डेढ़ किलो गेहूं, 400 ग्राम सूखा दूध दिया जाएगा।

गर्भवती व धात्री महिलाओं तथा स्कूल न जाने वाली 11 से 14 वर्ष की किशोरियों को एक किलो चावल, दो किलो गेहूं, तीन पाव दाल मिलेगी। 450 ग्राम देशी घी, तीन पाव सूखा दूध पैकेटों में प्रति तीन माह में एक बार बांटा जाएगा।

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