- मुठभेड़ में मटका जिस पिस्टल से फायरिंग कर रहा था, वह पाकिस्तानी थी
- शातिर सोनू ने पिस्टल से एक बार में किए थे 15 राउंड फायर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: 1.5 लाख के इनामी अनिल मटका उर्फ सोनू शनिवार सुबह मेरठ के टीपीनगर इलाके में दिल्ली स्पेशल सेल व एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने मुठभेड़ में मार गिराया। हत्या की करीब दर्जन भर घटनाओं में शामिल रहा अनिल मटका उर्फ सोनू जेल से पेरोल पर बाहर आने के बाद से फरार चल रहा था। दिल्ली की स्पेशल सेल इसकी जगह-जगह तलाश कर रही थी। बताया जाता है कि इसकी तलाश में पूर्व में भी दिल्ली की स्पेशल सेल की टीम पहले भी मेरठ में जगह-जगह तलाश कर चुकी थी,
लेकिन बताया जाता है कि दिल्ली सेल की मेरठ आमद की भनक इस शातिर को ना जाने कैसे लग गयी थी और यह मेरठ से भी भाग गया। बताया जाता है कि शनिवार सुबह सोनू मटका अपने किसी साथी के इंतजार में अपेक्स इलाके में इंतजार कर रहा था। इसकी सुरागकशी में लगी दिल्ली स्पेशल सेल को यह जानकारी पहले लग गयी थी। दिल्ली स्पेशल सेल व एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने इसको घेर लिया। दिल्ली सेल व एसटीएफ वालों को देखकर पिस्टल से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर भागने का प्रयास करने लगा, लेकिन पुलिस टीम ने पहले ही मजबूत घेराबंदी कर रखी थी। जवाबी फायरिंग में सोनू मौके पर ही ढेर हो गया।
अनिल मटका उर्फ सोनू का पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गयी है। दरअसल, शनिवार सुबह हुई मुठभेड़ के दौरान मटका जिस पिस्टल से फायरिंग कर रहा था, वह पाकिस्तानी है। यह पिस्टल बनी चीन में है। सोनू इस पिस्टल से एक बार में 15 राउंड गोली चलती है। सूत्रों ने बताया कि इसके पास चीन में बनी पाकिस्तानी पिस्टल कहां से आयी इसकी भी जांच एजेंसियां करेंगी। हालांकि कुछ का कहना है कि हथियारों के इंटरनेशनल सप्लायरों से कभी भी कोई भी हथियार कहीं भी मंगाया जा सकता है।
शातिर हाशिम बाबा गैंग का शूटर 1.5 लाख का इनामी अनिल मटका उर्फ सोनू को शनिवार की सुबह एसटीएफ व दिल्ली क्राइम ब्रांच ने ढेर कर दिया। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने मुठभेड़ में अनिल मटका के मारे जाने की पुष्टि की। उसके पास से एक पिस्टल, कारतूस व बाइक भी बरामद की गयी। बताया गया कि मटका दिल्ली में एक चाचा भतीजे की हत्या में शामिल था। उनकी हत्या दिवाली के दिन (31 अक्टूबर) दिल्ली के शाहदरा इलाके में की गई थी। वारदात के बाद से ही दिल्ली पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।
शुक्रवार रात को उसकी लोकेशन मेरठ मिल रही थी। हाइवे की अपेक्स कालोनी में अनिल मटका ने दीपक जाट के नाम से ठिकाना बनाया हुआ था। इस पर दर्जन भर हत्या और डकैती के मुकदमे दिल्ली और यूपी में दर्ज थे। पुलिस ने मटका पर 1.5 लाख का इनाम रखा था। इसकी तलाश में 29 नवंबर को दिल्ली पुलिस की एक टीम मेरठ पहुंची थी। पता चला था कि वह अपेक्स सिटी में दीपक जाट के नाम से रह रहा था, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले वह फरार हो गया था।
लारेंस बिश्नोई गैंग के लिए भी काम करता था मटका
दिल्ली पुलिस व एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया 1.5 लाख का इनामी अनिल मटका उर्फ सोनू हाशिम बाबा के अलावा लारेंस बिश्नोई के लिए भी काम करता था। यह भी जानकारी मिली है कि इस शातिर को हथियार मुहैय्या कराने का काम लारेंस के गुर्गे किया करते थे। एएसपी एसटीएफ ब्रजेश सिंह ने बताया कि मारा गया बदमाश इतना ज्यादा खतरनाक व शातिर था कि हाशिम बाबा गिरोह के अलावा लारेंस बिश्नोई भी इसको टारगेट सौंपता था।
मटका पर ऐसे बढ़ा इनाम
एएसपी एसटीएफ ब्रजेश सिंह ने बताया कि सोनू मटका पर डकैती के मामले में एक लाख का इनाम था और लूट के मामले में 50 हजार का इनाम घोषित था इस लिए इस पर इनाम 1.5 लाख घोषित था। एसटीएफ का दिल्ली की स्पेशल सेल के साथ यह दूसरा ज्वाइंट आॅपरेशन था। करीब तीन माह पहले मुजफ्फरनगर के खतौली क्षेत्र में शातिर असद ओर अनस को एक मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था।
अजय ने पहुंचाया अनिल तक
दिल्ली की स्पेशल सेल व एसटीएफ को अनिल मटका तक पहुंचाने का काम उसके दोस्त अजय ने किया। बताया गया है कि साहिबाबाद के पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा की हत्या के इरादे से उनके आवास पर पहुंचे सोनू मटका व उसके दोस्त अजय को भीड़ ने जब पहचान लिया और इनकी घेराबंदी का प्रयास किया तो दोनों वहां भाग निकले। पुलिस सूत्रों ने बताया कि सोनू मटका और उसका दोस्त अजय साहिबाबाद के पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा पर हमले की फिराक में थे। दोनों एक बार इस इरादे से गए भी थे, लेकिन वहां काफी लोग देख कर दोनों भागने को मजबूर हुए।
इनकी बाइक वहीं छूट गई थी, जो हाशिम बाबा गैंग के आमिर उर्फ सलीम टिल्लन की निकली। दिल्ली स्पेशल क्राइम ब्रांच ने 30 नवंबर को अजय को गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी से गाजीपुर मंडी के बीच दबोच लिया था। पुलिस उससे सोनू मटका के बारे में जानकारी जुटा रही थी। सोनू मूलरूप से बागपत का रहने वाला था, लेकिन काफी लंबे समय दिल्ली में रहता था। उसने आठवीं तक की पढ़ाई की थी। दिल्ली में रहकर कार मैकेनिक का काम करता था। वह कब अपराध की दुनिया में कूदा, इसकी भी जानकारी जुटायी जा रही है।
फरारी के लिए पेरोल
जेल में बंद अनिल मटका ने फरारी के लिए पत्नी की बीमारी का बहना बनाया। पत्नी के आॅपरेशन के नाम पर उसको पेरोल मिल गयी, लेकिन बाहर निकलकर वह फरार हो गया। बताया गया है कि 2014 में सोनू दिल्ली के शकरपुर इलाके में हुई हत्या में जेल में बंद था। 2021 में पत्नी के आॅपरेशन के नाम पर वह पेरोल लेकर बाहर आया। जून 2021 में जेल में सरेंडर करना था, लेकिन वह फरार हो गया। शकरपुर में हुई हत्या में गाजियाबाद जिले के लोनी स्थित राजीव गार्डन का रहने वाला अजय उर्फ विजय भी आरोपी था।