एस शिरढोनकर |
कृति सेनन ने इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्युनिकेशन में बी टेक किया है। इंजीनियरिंग के बाद जॉब के आॅफर भी आए लेकिन उन्हें ठुकराते हुए कृति ने मॉडलिंग शुरू कर दी। 2014 में उन्होंने अपनी पहली तेलुगु फिल्म ‘समीरा’ की। उसके बाद निर्देशक सब्बीर खान की ‘हीरोपंती’ (2014) के जरिये बॉलीवुड में डेब्यू करने जा रहे टाइगर श्रॉफ के अपोजिट उन्हें लीड रोल निभाने का अवसर मिला। ‘हीरोपंती’ (2014) बॉक्स आॅफिस पर जबर्दस्त रूप से सफल साबित हुई। 2015 में कृति सेनन शाहरुख खान के होम प्रोडक्शन की ‘दिलवाले’ में नजर आर्इं, जो बॉक्स आॅफिस पर नहीं चली लेकिन ‘बरेली की बरफी’ (2017) ने कृति का कैरियर पूरी तरह बदल दिया। उसके बाद आई ‘लुका छुपी’ और ‘हाउसफुल 4’ (2019) भी अच्छी खासी हिट रही। बॉलीवुड में अपने काम के जरिये एक अलग पहचान बना चुकी कृति सेनन पिछली बार राज कुमार राव के अपोजिट अभिषेक जैन निर्देशित ‘हम दो हमारे दो’ (2021) और लक्ष्मण उतेकर व्दारा निर्देशित ‘मिमी’ (2021) में नजर आई थीं। ‘मिमी’ (2021) में कृति के काम को काफी सराहा और पसंद किया गया। इस साल प्रदर्शित ‘बच्चन पांडे’ में जहां वो लीड रोल में थीं, वहीं ‘हीरोपंती 2’ के सिर्फ एक आयटम नंबर में नजर आईं। कृति सेनन की चार-पांच फिल्में रिलीज के लिए तैयार हैं। प्रस्तुत हैं कृति सेनन के साथ की गई बातचीत के मुख्य अंश:
अपनी आने वाली फिल्मों के बारे में जरा विस्तार से बताएं?
-कार्तिक आर्यन के साथ ‘शहजादा’ और टाइगर के अपोजिट वाली ‘गणपत’ की शूटिंग कर रही हूं। ‘शहजादा’ 4 नवंबर और ‘गणपत’ 23 दिसंबर को रिलीज होगी। ‘भेड़िया’ और ‘आदिपुरूष’ फिल्मों की शूटिंग भी खत्म हो चुकी है। ‘भेड़िया’ इस साल 25 नवंबर और ‘आदिपुरूष’ अगले साल 12 जनवरी को आएगी। ‘आदिपुरूष’ तेलुगु और हिंदी में एक साथ बन रही है। इसमें प्रभाष के अपोजिट मैं जानकी का केरेक्टर निभा रही हूं।
कहा जा रहा है कि आपके साथ कुछ और मेकर्स भी फिल्में प्लान कर रहे हैं। अनुराग कश्यप की एक फिल्म का आॅफर तो आपने स्वीकार भी किया है?
-उनकी इस फिल्म के लिए मुझे लीड रोल आॅफर हुआ है। इसे निखिल द्विवेदी डायरेक्ट करेंगे लेकिन यह अभी बातचीत के दौर में है। यदि सब कुछ ठीक रहता है तो यह अनुराग कश्यप के साथ मेरी पहली फिल्म होगी।
‘मिमी’ के लिए आपके काम की काफी प्रशंसा हुई। उस प्रशंसा पर कैसा महसूस हुआ?
-जब लोग उस किरदार के लिए आपके काम की प्रशंसा करते हैं जिसे आपने पूरे जोश और ईमानदारी के साथ निभाया है तो ये आपको निराशा के दौर से बाहर निकालकर आपको संतुष्टि का अहसास कराता है।
क्या आपको भी यहां कभी निराशा के दौर से गुजरना पड़ा?
-मैं इस इंडस्ट्री के लिए एक आउटसाइडर थी। इस वजह से शुरू में मुझे कुछ फिल्मों में रिप्लेस भी किया गया, वह मेरे लिए बेहद निराशाजनक दौर था। उस वक्त मैं सोचती थी कि अगर न्यूकमर को कास्ट ही नहीं करना था तो उनका आॅडिशन ही क्यों लिया जाता है।
आठ साल के कैरियर में एक एक्ट्रेस के रूप में अब आप अपने अंदर किस तरह का बदलाव महसूस करती हैं?
-अब मुझे अपना काम काफी कुछ अच्छे से समझ में आने लगा है। मैं जान चुकी हूं कि एक निर्देशक अपनी सोच को रूपहले पर्दे पर जीवंत बनाने के लिए किस तरह जी तोड़ मेहनत करता है। एक निर्देशक के मुकाबले कलाकारों की मेहनत तो कुछ भी नहीं। अब सेट पर आने के साथ ही मुझे पता चल जाता है कि निर्देशक मुझसे क्या चाहता है और मैं बस वही देने की कोशिश करती हूं।
‘तानाजी’ के बाद ख्याति प्राप्त निर्देशक बन चुके ओम राउत के साथ ‘आदिपुरूष’ में काम करते हुए कैसा महसूस हो रहा है?
-‘आदिपुरूष’ मेरे लिए एक ऐसी फिल्म है जिस पर मुझे हमेशा गर्व रहेगा। इस फिल्म में मुझ पर भरोसा करते हुए, मुझे जानकी का रोल देने के लिए ओम राउत को धन्यवाद दूंगी।