Sunday, May 11, 2025
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गांधी आश्रम की जमीन फिर नीलाम करने की कोशिश

  • एफआईआर होने के बावजूद गांधी आश्रम के पदाधिकारियों का दुस्साहस

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: एफआईआर होने के बावजूद गांधी आश्रम समिति के पदाधिकारियों का दुस्साहस देखिये कि शनिवार को फिर से दस बीघा जमीन की नीलामी करने की कोशिश की। हंगामा होने के बाद नीलामी तो नहीं हो सकी, लेकिन नीलामी की पूरी तैयारी समिति के पदाधिकारियों ने कर ली थी।

गांधी आश्रम समिति लखनऊ के महामंत्री अरविन्द श्रीवास्तव समेत तीन पदाधिकारी गढ़ रोड स्थित मेरठ गांधी आश्रम में पहुंचे तथा नाले पार श्रीजी पेठा के सामने स्थित करीब दस बीघा जमीन की नीलामी की प्रक्रिया आरंभ कर दी। इसको लेकर भाजयुमो के कुछ नेता पहुंच गए तथा हंगामा खड़ा कर दिया। साथ ही जिन कर्मचारियों की कोरोना से आॅन ड्यूटी मौत हुई थी, उनके परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया।

बोली लगाने वाले भी यहां पर पहुंचे, जो कैमरों में कैद हो गए। चर्चा ये थी कि रेणूका फर्म के मालिक बोली लगाने के लिए पहुंचे थे। इनके वीडियो फुटेज भी वायरल हुए हैं, जिसमें इनकी गांधी आश्रम परिसर में एंट्री हुई और जिस कक्ष में मीटिंग चल रही थी, वहां पर पहुंचे। कहा गया कि हंगामा होने के कारण नीलामी फिलहाल टल गई हैं। पुलिस भी इस बीच मौके पर पहुंची थी।

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पहले पुलिस पृथ्वी सिंह रावत के पक्ष में बुलाई गयी, लेकिन बाद में पुलिस कर्मियों को बताया गया कि जमीन की नीलामी कर बड़ा फर्जीवाड़ा किया जा रहा हैं, जिसके बाद पुलिस कर्मियों ने पृथ्वी सिंह राजव को आड़े हाथ ले लिया। इसके बाद पुलिस कर्मी लौट गए। बड़ा सवाल यह है कि पिछले दिनों लखनऊ के हजरत गंज थाने में एक एफआईआर गांधी आश्रम मेरठ की जमीन को फर्जी तरीके से नीलाम करने के मामले में दर्ज करायी गयी थी,

जिसमें नीलामी में शामिल रहे लखनऊ गांधी आश्रम समिति के महामंत्री अरविन्द्र श्रीवास्तव, विनोद चौहान, मुखराज व पृथ्वी सिंह रावत को नामजद आरोपी बनाया गया था। अभी इसकी जांच पड़ताल चल रही हैं। इसी बीच दुस्साहस तो देखिये कि इन आरोपियों ने फिर से जमीन की नीलामी की प्रक्रिया शनिवार को आरंभ कर दी। नीलामी प्रक्रिया की जानकारी भाजयुमो के महामंत्री मयंक शर्मा और पार्षद अंकुर अपने समर्थकों के साथ गांधी आश्रम में पहुंच गए।

इन लोगों ने हंगामा खड़ा कर दिया। नीलामी नहीं होने दी, जिसके बाद नीलामी में बैठे लोग घबरा गए तथा इसकी सूचना प्रशासन को भी दी गई, मगर प्रशासनिक अफसर कांवड़ यात्रा में जुटे थे, जिसके चलते यहां कोई अधिकारी नहीं पहुंचा, लेकिन फिर भी कहा जा रहा है कि नीलामी नहीं हो सकी। यही नहीं, गांधी आश्रम कर्मचारी सुरेश चंद पंथ और स्वतंत्र त्यागी की कोरोना से मौत हो गयी, तब ये दोनों आॅन ड्यूटी थे।

इनके परिजन भी मौके पर पहुंच गए तथा मृतक आश्रिम में जॉब नहीं देने पर हंगामा खड़ा कर दिया। इनको फंड और ग्रेजुएटी भी नहीं दी गई हैं। इसको लेकर महिलाओं ने खूब हंगामा किया। इसके बाद नीलामी कर रहे सभी पदाधिकारी यहां से उठकर चले गए। ग्रामोद्योग आयोग भी शनिवार को बंद था, उस पर ताला लटका था। उसके अधिकारियों की गैर मौजूदगी में करोड़ों की जमीन की नीलामी करने की कोशिश की गई।

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