Thursday, January 2, 2025
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आस्ट्रेलियाई टीम ने भारत को दूसरी बार हराया, बुमराह को नहीं मिला अन्य गेंदबाजों का साथ

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर दूसरी हार का सामना करना पड़ा है जिससे उसके विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में पहुंचने की संभावनाओं को झटका लगा है। भारत इस तरह पांच मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 1-2 से पिछड़ गया है और अगर उसे यह सीरीज नहीं गंवानी है तो सिडनी में तीन जनवरी से होने वाला पांचवां मुकाबला हर हाल में जीतना होगा।

जीत के लिए मिले 340 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की दूसरी पारी 155 रन पर सिमट गई। भारतीय टीम को आज ही लक्ष्य मिला था, लेकिन टीम इंडिया तीन सत्र भी नहीं खेल सकी और टीम ऑलआउट हो गई। मेलबर्न में टीम इंडिया की टेस्ट में यह 13 साल बाद हार है। इससे पहले भारतीय टीम को 2011 में हार मिली थी। भारत के लिए मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) का मैदान पिछले एक दशक से अधिक समय तक अभेद किला बना हुआ था, लेकिन रोहित शर्मा की अगुआई वाली टीम ने इस सिलसिले को तोड़ दिया।

इस हार के भारत को डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिए अब अन्य टीमों के नतीजों पर निर्भर रहना होगा। साथ ही सिडनी में अगले टेस्ट को जीतना ही होगा। ड्रॉ या हार टीम इंडिया को फाइनल की दौड़ से बाहर कर देगी। रोहित की कप्तानी में पिछले दो महीने में छह टेस्ट में टीम इंडिया की यह पांचवीं टेस्ट हार है। न्यूजीलैंड के खिलाफ 0-3 से हार के बाद भारत को एडिलेड में और फिर अब मेलबर्न में हार मिली है। भारत को अगर अपनी उम्मीदें बनाए रखनी है तो उसे सिडनी टेस्ट में हार हाल में जीत दर्ज करनी होगी। अगर भारत पांचवां टेस्ट जीत जाता है तो सीरीज 2-2 से बराबर हो जाएगी।

ऑस्ट्रेलिया को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद श्रीलंका के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है। अगर श्रीलंका कंगारू टीम को इस सीरीज में हरा देती है तो ऑस्ट्रेलिया के लिए हालात विपरीत हो जाएंगे। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी ड्रॉ रही तो भारत की पीसीटी 55.26 रहेगी, जबकि ऑस्ट्रेलिया की पीसीटी श्रीलंका के खिलाफ हार के कारण 54.26 हो जाएगी। अगर ऑस्ट्रेलिया श्रीलंका के खिलाफ एक टेस्ट ड्रॉ कराने में सफल रहा तो उसकी पीसीटी 56.48 हो जाएगी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज गंवाने से भारत फाइनल की दौड़ से बाहर हो जाएगा।

टीम के तौर पर खेलने में रहे नाकाम
भारतीय टीम मौजूदा सीरीज में एक टीम के तौर पर खेलने में नाकाम रही है। अब तक चार टेस्ट मैचों में प्रत्येक टेस्ट में एक या दो खिलाड़ी ही चले हैं। पर्थ में यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल और विराट कोहली का बल्ला चला, जबकि दूसरे टेस्ट में नीतीश रेड्डी ने सधी हुई पारी खेली थी और अन्य सभी बल्लेबाज फ्लॉप रहे थे। ब्रिसबेन में खेले गए तीसरे टेस्ट में केएल राहुल और रवींद्र जडेजा ने भारतीय पारी को संभाला था। वहीं, मेलबर्न में पहली पारी में यशस्वी, नीतीश और वाशिंगटन सुंदर ने प्रभावशाली किया, जबकि दूसरी पारी में यशस्वी हिट रहे थे।

बुमराह को अन्य गेंदबाजों का साथ नहीं मिला
भारतीय टीम के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह भारतीय टीम के एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने सीरीज के चारों मुकाबलों में प्रभावित किया है। हाल ही में 200 टेस्ट विकेट पूरे करने वाले बुमराह का प्रदर्शन शानदार रहा है। बुमराह को हालांकि, दूसरे छोर से उतना साथ नहीं मिला है जितनी जरूरत है। मेलबर्न टेस्ट में फिर भी मोहम्मद सिराज ने प्रभावित किया, लेकिन सीरीज में अन्य भारतीय गेंदबाज का प्रदर्शन उस स्तर का नहीं रहा जैसा बुमराह का रहा है।

रोहित और विराट के बल्ले से नहीं निकल रहे रन
टीम के दो सबसे अनुभवी खिलाड़ी कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली से काफी उम्मीदें थी, लेकिन इन दोनों के बल्ले से रन नहीं निकल रहे। कोहली ने सीरीज की शुरुआत शतक लगाकर की थी और लग रहा था कि उनका फॉर्म आगे भी बरकरार रहेगा। कोहली का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया में बेहतर है, लेकिन वह पर्थ टेस्ट के बाद बड़ी पारी नहीं खेल सके। वहीं, कप्तान रोहित का फॉर्म तो इस साल खराब ही रहा और वह पूरी सीरीज में अब तक संघर्ष करते ही दिखे हैं। रोहित और कोहली का समर्थन नहीं मिलना भी भारत के खराब प्रदर्शन का कारण रहा है।

पंत में मैच अवेयरनेस की कमी, लगातार खराब शॉट खेलकर आउट हुए
पिछले ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर हिट रहे भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत इस बार खास प्रदर्शन नहीं कर सके हैं। पंत में मैच जागरूकता की कमी दिखी है और वह जरूरत के हिसाब से शॉट का चयन नहीं कर पा रहे हैं। पंत के खराब शॉट पर दिग्गज भारतीय बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने भी सवाल खड़े किए थे और पहली पारी में जिस तरह वह आउट हुए उससे गावस्कर काफी खफा हो गए थे।

रोहित की रणनीति में कमी
कप्तान रोहित की रणनीति में भी कमी नजर आई है। ओवरकास्ट कंडीशंस में टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का निर्णय लेना हो या दो स्पिनर्स खिलाए जाने के बावजूद उनसे कम गेंदबाजी कराना हो, रोहित की कप्तानी इस दौरे पर सवालों के घेरे में रही है। भारत ने चौथे टेस्ट में रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर के रूप में दो स्पिनर उतारे थे, लेकिन इनसे ज्यादा गेंदबाजी नहीं कराई।

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