- 21 ट्रैफिक पुलिसकर्मियों का शहर की सड़कों पर क्या है काम ?
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर के अतिव्यस्त माने जाने वाले तीन मुख्य चौराहों पर ऐसा कोर्ई दिन बीतता हो। जब इन चौराहों पर भीषण जाम न लगता हो। जाम लगाने वालों में कोई अन्य वाहन नहीं बल्कि हजारों की तादाद में सड़कों पर बेलगाम दौड़ रहे आॅटो और ई-रिक्शा ही हैं। बिना नंबर के दौड़ रहे गैरकानूनी इन ई-रिक्शाओं और आॅटो को ट्रैफिक पुलिस पूरी तरह से नजरअंदाज किये है। यही वजह है की तीन चौराहों पर यातायात व्यवस्था के लिए तैनात किये जाने वाला स्टॉफ रोज लगने वाले इस जाम पर अंजान बना है। सभी पुलिसकर्मी बेलगाम दौड़ते इन वाहनों पर शिकंजा कसने के बजाय इन पर मेहरबान है।
बेगमब्रिज चौराहा और हापुड़ अड्डा, तेजगढ़ी चौराहा शहर के ऐसे चौराहे हैं जहां चौबीस घंटे वाहनों का आवागमन रहता है। बेगमब्रिज का चौराहा हजारों ई-रिक्शाओं और आॅटो से सुबह से ही रात तक इस कदर अट जाता है कि अन्य गुजरने वाले वाहनों का निकलना वहां से मुश्किल हो जाता है। छोटे वाहनों से लेकर भारी वाहन बीच चौराहे पर घंटों फंसकर रह जाते हैं। चौराहे पर यातायात संभालने के लिए तैनात एक टीएसआई एक हेडकांस्टेबल, कांस्टेबल और 2 पीआरडी, 2 होमगार्ड की ड्यूटी इसलिए लगाई जाती है कि वहां किसी तरह का जाम न लगने पाये, लेकिन हकीकत इससे इतर है।
होमगार्ड से लेकर ट्रैफिक कर्मी इन ई-रिक्शाओं और आॅटो को हटाने के बजाय इन्हें टकटक ी लगा देखते रहते हैं। कभी कभी तो ये जानलेवा ई-रिक्शा और आॅटो बीच चौराहे पर ही स्टंटबाजी करते देखे जा सकते हैं। हापुृड़ अड्डे पर यातायात व्यवस्था की बात करें तो कमोबेश यही स्थिति यहां भी देखने को मिल जायेगी। इस चौराहे पर भी यातायात नियंत्रण के लिए एक टीएसआई, हेडकांस्टेबल, कांस्टेबल, 2 पीआरडी,2 होमगार्ड को तैनात किया जाता है। ताकि चौराहे की यातायात व्यवस्था हर हाल में व्यवस्थित रहे, लेकिन यहां पर भी हजारों ई-रिक्शा और आॅटो बेरोकटोक बीच चौराहे के बीच खड़े रहकर जाम के लिए सुबह से ही मुसीबत बन जाते हैं।
ट्रैफिक पुलिसकर्मी इन वाहनों को चौराहों से हटाने के बजाय इनसे वसूली करते दिखाई देते हैं। जिससे रोज इन वाहनों से हापुड़ अड्डे चौराहे पर जाम मुसीबत बना रहता है। वहीं इससे आगे तेजगढ़ी चौराहे पर भी इन वाहनों को कंट्रोल के लिए इतना ही ट्रैफिक पुलिस का स्टॉफ सुबह से मुस्तैद हो जाता है, लेकिन यहां का भी स्टॉफ इन बेलगाम ई-रिक्शाओं व आॅटो पर नियंत्रण करने के बजाय इन्हें बीच चौराहों पर खुला छोड़ जाम की अनुमति देता दिखाई देता है। यही वजह है कि इन गैरकानूनी ई-रिक्शाओं को संचालित करने के पीछे इन ट्रैफिक पुलिसकर्मियों का लाइसेंस प्राप्त है।