- खेती की जमीन पर बिना परमिशन हो रही है प्लॉटिंग
- भू माफियाओं को नहीं बाबा के बुल्डोजर का डर
जनवाणी संवाददाता |
मोरना: एक ओर जहां बाबा के बुलडोजर का डंका चारों ओर बज रहा है, वहीं दूसरी ओर मोरना के भूमाफिया बैखौफ होकर खेती की जमीन पर अवैध प्लाटिंग करने में लगे हुए है।
चारों ओर अवैध कालौनिया विकसित की जा रही हैं, परन्तु कालौनियों को विकसित करने में मानकों की तमाम तरीके से अनदेखी की गयी है। न तो इस कालौनियों का नक्शा पास कराया गया और न ही खेती की जमीन की 143 कराई गई है। अवैध कालाॅनाईजरों के सामने अधिकारी भी आँखे मूंदे बैठे हुए हैं।
योगी आदित्यनाथ के शासन में बदमाशो और भू माफियाओं पर लगातार शासन-प्रशासन द्वारा कार्यवाही की जा रही है, लेकिन मोरना में स्थिति बिल्कुल विपरीत है।
यहां पर न तो भू माफियाओं को बाबा के बुलडोजर का डर लग रहा है और न ही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इस ओर कोई ध्यान दिया जा रहा है। भूमाफियाओं द्वारा किसानों से खेती की जमीन खरीद कर उसमें प्लॉटिंग की जा रही है। खेती की जमीन पर प्लाटिंग कर भूमाफियाओं द्वारा लाखों के वारे न्यारे किये जा रहे हैं।
अवैध प्लाटिंग के बारे में अधिकारियों को जानकारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाया जाना उनकी कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा करती नजर आ रहा है। इन अवैध कॉलोनियांे के विकसित होने से सरकार को राजस्व का मोटा चूना लगाया जा रहा है।
किसकी शह पर हो रहा अवैध कालोनियों का निर्माण
मोरना क्षेत्र में बन रही अवैध कॉलोनियों से भू माफिया जहां अपने वारे के न्यारे करने में लगे हुए हैं, वही किसान खेती की जमीन बेचकर लगातार बेरोजगार हो रहा है। योगी सरकार में सख्ती के बावजूद भी अवैध कालोनियां कटने से किसी बड़ी साजिश की बू आ रही है। उत्तर प्रदेश में योगी बाबा की सरकार होने के बावजूद भी आखिरकार किसकी शह पर यह अवैध कारोबार चल रहा है यह बड़ी जांच का विषय है।
नियमों की हो रही अनदेखी
मोरना क्षेत्र में खेती की जमीन पर विकसित हो रही अवैध कालौनियों में नियमों की अनदेखी की जा रही है। नियमानुसार खेती की जमीन पर तब तक प्लाटिंग नहीं की जा सकती, जब तक उसे आबादी में दर्ज न करा लिया जाये। इसके अलावा कालोनी विकसित कराने के लिए एमडीए से नक्शा पास कराकर पहले सड़कों व विद्युत की व्यवस्था करनी होती है, उसी के बाद कालौनी को विकसित किया जा सकता है। मोरना में हो रही अवैध प्लाटिंग में किसी भी नियम का पालन नहीं किया गया।
कैसे चलता है अवैध प्लाटिंग का खेल
क्षेत्र में भूमाफिया खेती की जमीन को औने-पौने दामों में खरीदकर प्लॉटिंग कर उसमें प्लाटिंग कर देते हैं और इस जमीन को मोटी कीमत पर भोले-भाले ग्रामीणों को बेच दिया जाता है। इस खेल में सरकार को तो राजस्व का चूना लगता ही है साथ ही इन कालौनियों में प्लाट लेकर मकान बनाने वाले लोग भी सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं। इस तरह की कालौनी विकसित करने वाले भूमाफिया रातो-रात अमीर हो जाते हैं।
आखिरकार! अधिकारियों की चुप्पी का क्या है सबब
मोरना क्षेत्र की धर्मस्थली शुक्रताल में लगातार वीआईपी लोगों और अधिकारियों का आना जाना लगा रहता है। सड़क किनारे कट रही अवैध कालोनियों पर अधिकारियों की भी निगाह पड़ती है, परंतु उसके बाद भी अधिकारियों द्वारा चुप्पी साधी गई है। अधिकारियों की इस चुप्पी को लेकर तरह-तरह के सवालियां निशान लग रहे हैं।
बाबा के बुलडोजर से भी बेखौफ हैं माफिया
मोरना क्षेत्र में लगातार कट रही अवैध कॉलोनियों को देखकर ऐसा लगता है कि माफियाओं में बाबा के बुलड़ोजर का कतई खौफ नहीं है। खेती की जमीन को लगातार प्लोटिंग कर खेती की जमीन खत्म की जा रही है।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में कानूनगो ओमप्रकाश का कहना है कि अवैध प्लाटिंग के बारे में जानकारी नहीं है, अगर कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग की जा रही है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। दूसरी ओर हल्का लेखपाल पिन्टू कुमार का कहना है कि मोरना में अवैध प्लाटिंग की जा रही है, जिन्हें कई बार 143 कराने के लिए अवगत कराया गया है, जल्द ही इस मामले में कानूनी कार्यवाही की जायेगी।