जनवाणी संवाददाता |
नैनीताल: हाईकोर्ट ने आदेश के बाद भी सुविधाओं का बकाया जमा न करने पर महाराष्ट्र के राज्यपाल व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट सुविधाओं के बकाया मामले में पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा व बीसी खंडूरी के खिलाफ जारी अवमानना के नोटिस पर रोक लगा चुका है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक बिजली, पानी का करीब 11 लाख रुपये बकाया जमा कर चुके हैं। मामले के अनुसार पूर्व में रूरल लिटिगेशन एंड एनटाइटलमेंट केंद्र (रूलक) ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र के राज्यपाल तथा पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी को उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं करने के मामले में अवमानना नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है। न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की पीठ ने मंगलवार को देहरादून की गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) रूरल लिटिगेशन एंड एनटाइटलमेंट केंद्र की ओर से दायर अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए यह नोटिस जारी किया है।
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया गया की पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पोषणीय है। याचिका दायर करने से पहले सभी औपचारिकताओं का पालन किया गया है। कोश्यारी को 60 दिन पहले नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए कोश्यारी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता ने कोश्यारी को बतौर पूर्व मुख्यमंत्री पक्षकार बनाया है।
बकाया छह माह के भीतर जमा करने के निर्देश
इसके बाद हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास और अन्य सुविधाओं का बकाया छह माह के भीतर जमा करने के निर्देश दिए थे। पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने पर रूलक ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी। कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि आदेश का अनुपालन क्यों नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा था कि क्यों न इनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री कोश्यारी पर आवास और अन्य सुविधाओं का बाजार दर से 47 लाख 57 हजार 758 रुपये बकाया है। इसके अतिरिक्त बिजली-पानी का बकाया भी है।