- जल्द हटेगा अवैध कब्जा भी, नगरायुक्त ने निरीक्षण कर दिए निर्देश
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर के सभी नाले साफ किया जाना आसान है, लेकिन ओडियन नाला शहर के लिये सिरदर्द बन चुका है। नगरायुक्त ने दो दिनों में इन नालों को साफ किए जाने के निर्देश दिए थे, लेकिन ऐसा हो पाना संभव नहीं है, क्योंकि इसकी सबसे बड़ी वजह नालों के ऊपर अतिक्रमण है। गुरुवार को नगरायुक्त अमित पाल शर्मा ने खुद ओडियन नाले पर पहुंचकर मौके पर निरीक्षण किया और सभी बड़ी मशीनों को यहां नाले की सफाई पर लगाने के निर्देश दिए।
नगरायुक्त अमित पाल शर्मा गुरुवार सुबह करीब 10 बजे ओडियन नाले का निरीक्षण करने पहुंचे। ओडियन नाले पर हालांकि सफाई अभियान पहले ही नगर निगम की ओर से चलाया जा रहा है लेकिन गुरुवार को खुद ही नगरायुक्त यहां पहुंचे। यहां नाला प्लास्टिक पन्नी व अन्य कूड़े से कई जगहों पर अटा पड़ा है। कई जगहों पर चौक है जिस कारण इसकी सफाई ठीक प्रकार से नहीं हो पाती है।
नगरायुक्त ने यहां निरीक्षण सभी जगहों से अवैध अतिक्रमण हटाकर नाले की सफाई के निर्देश दिये और सभी बड़ी मशीनों और छोटी पोर्कलेन मशीनों को भी ओडियन नाले की सफाई के लिय लगवाया। इस दौरान उन्होंने लोगों से अपील भी की वह किसी भी प्रकार का कूड़ा नाले में न डाले क्योंकि नाले में डाले जाने वाला कूड़ा ही इसके अटने का कारण बनता है। इसके अलावा उन्होंने नाले में गोबर डालने वाले डेयरी संचालकों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
माधवपुरम में आज से शुरू होगा सड़का का कार्य
नगरायुक्त अमित पाल शर्मा ने गुरुवार को माधवपुरम वार्ड-48 बिजलीघर के पास का भी निरीक्षण किया। यहां उन्हें बिजली घर के पीछे जलभराव हुआ मिला और नाले की दीवार भी टूटी हुई थी। नगरायुक्त ने यहां मोटर लगवाकर पानी निकलवाया जिससे और अधिक जलभराव हो गया। नगरायुक्त ने यहां पूरे वार्ड का निरीक्षण किया और इसके समाधान के लिये बिजली घर के पीछे वाली सड़क का निर्माण आज से कराने के आदेश दिए। इसके अलावा नाले की दीवार का निर्माण कराए जाने के भी निर्देश दिए जिससे यहां जलभराव की स्थिति उत्पन्न न हो। इस दौरान यहां की पार्षद शिखा सिंघल भी मौजूद थी।
बरसों से नहीं हो पाया माधवपुरम की समस्या का निदान
माधवपुरम क्षेत्र में जलभराव और गंदगी की समस्या नई नहीं है। यहां बरसों से यही हालात हैं। कई बार इस संबंध में नगरायुक्त को शिकायतें की गई लेकिन यहां समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. गजेन्द्र सिंह ने बताया कि उन्होंने बीते दिनों में कई बार यहां की रिपोर्ट निरीक्षण करने के बाद आलाधिकारियों को सौंपी थी। यहां करोड़ों रुपये का बजट पास हुआ और लगाया भी गया लेकिन समस्या ऐसी ही बनी रही। नालों में अभी भी कूड़ा अटा है और सड़क पर हमेशा जलभराव की समस्या बनी रहती है। तत्कालीन नगरायुक्त ने भी इस कार्य का बजट पास किया था, लेकिन कार्य कहां हुआ किसी को पता नहीं। यहां आज भी नारकीय हालात हैं।