- नगर में जैन साध्वी का प्रवेश पर समाज के लोगों ने स्वागत किया
जनवाणी संवाददाता |
बागपत: नगर के जैन मंदिर में साध्वियों का पहुंचने पर समाज के लोगों ने स्वागत किया। जैन साध्वी ने कहा कि अभिमान मनुष्य का सबसे बडा शत्रु है और मनुष्य को कभी भी अभिमान नहीं करना चाहिए।
प्रवचन करते हुए बाल साध्वी सीयल ने बताया कि वंदन नमन करने से जीव नीच गौत्र का क्षय करके उच्च गौत्र का उपार्जन कर लेता है। महापुरूषों ने वंदन के दो प्रकार बताए है, जिसमें द्रव्य वंदन व दूसरा भाव वंदन। दृव्य वंदन शरीर के पांचों अंगों को नमाकर गुणीजनों को वंदन करना है और सच्ची भावना के द्वारा वंदन करना भाव वंदन कहलाता है।
महाराजा श्रेणिक ने जिस प्रकार उत्कृष्ट भावों से वंदन नमन किया, जिससे दह नरको के बंधन काट लिए। इसी प्रकार हमें अपने जीवन में वंदन नमन को लाना होगा। साध्वी ममता व भाविका ने कहा कि अभिमान मनुष्य का सबसे बडा शत्रु है और इसके आते ही विनय, विवेक, ज्ञान व शील आदि सद्गुण नष्ट हो जाते है।
भगवान ऋषभ देव के बेटे बाहुबलि ने अभिमान किया और उनके शरीर पर पक्षियों ने घोंसले बना लिए, जिसके बाद वहां बेल छा गई। उन्होंने कहा कि मनुष्य को कभी भी अभिमान नहीं करना चाहिए और उन्हें भक्ति मार्ग पर चलकर गरीबों की मदद करनी चाहिए। इस मौके पर सुशील जैन, सुनील जैन, मुकेश, पवन जैन, कमल जैन, मीरा जैन, पूनम जैन आदि मौजूद रहे।