जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: गाजीपुर बॉर्डर पर किसान की ताकत का एहसास कराने के लिए ट्रैक्टर रैली निकाली जा रही है। भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत का कहना है कि देश का किसान कमजोर नहीं है। बीच के रास्ते हमेशा खुले हुए हैं, पर सरकार को अपनी जिद छोड़नी होगी। सरकार ने कृषि मंत्री को पिंजरे वाला तोता बना रखा है, यदि उन्हें अधिकार दिए जाएं तो फैसला हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि पिछले सात माह से गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में कृषि कानून के विरोध में धरना चल रहा है। केंद्र सरकार द्वारा कानून वापस न लेने पर भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकतर टोल प्लाजा पर धरना दे रखा है।
वहीं गुरुवार को मुजफ्फरनगर व सहारनपुर के किसानों द्वारा गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचकर सरकार को अपनी ताकत का एहसास कराने के लिए ट्रैक्टर रैली निकाली गई। रैली का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि रैली निकालने के पीछे कोई खास मकसद नहीं है। रैली तो निकलती ही रहेगी।
उन्होंने कहा अभी मुजफ्फरनगर व सहारनपुर से ट्रैक्टर रैली निकाली गई है। अब शनिवार व रविवार को शामली, बागपत, हापुड़, गाजियाबाद आदि जिलों से ट्रैक्टर रैलियां निकाली जाएंगी और गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचेंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है। देश का किसान भी कमजोर नहीं है। हमेशा बातचीत के लिए बीच के रास्ते खुले हुए हैं। लेकिन सरकार को अपनी जिद छोड़कर किसानों से माफी मांगनी होगी। नरेश टिकैत ने कहा कि कृषि मंत्री अच्छे हैं, हम उन्हें गलत नहीं कहते। उन्हें पिंजरे का तोता बना रखा है, राजनाथ सिंह उन्हें अधिकार दें। यदि उन्हें अधिकार दें तो फैसला हो जाएगा। सरकार में भी सभी लोग अच्छे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित अमित शाह भी अच्छे हैं, पर उनकी सोच गलत है। उन्होंने किसान भटका दिए हैं, जिस कारण भाजपा की नाव डूबने की कगार पर है। सरकार को लगता है कि कृषि कानून से बड़ी कोरोना महामारी है तो सरकार कानून वापस लेकर किसानों को घर भेज दे। यदि सरकार उनकी नहीं सुनती तो धरना जारी रहेगा।
नए कृषि कानूनों में अब भूख के आधार पर कीमतें तय होंगी: राकेश टिकैत
सहारनपुर और मुजफ्फरनगर से यूपी गेट पर किसानों का ट्रैक्टर मार्च पहुंचने से पहले भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा नए कृषि कानूनों से अब देश में भूख के आधार पर कीमतें तय होंगी।
किसान का अनाज और रोटी अब तिजोरी में बंद होगी। जिस तरह कोरोना में लोग ऑक्सीजन के लिए गोदामों के बाहर खड़े रहे, ठीक उसी तरह रोटी के लिए भी लोग बड़ी-बड़ी कंपनी और गोदामों के बाहर खड़े नजर आएंगे। उन्होंने ट्रैक्टर मार्च को लेकर कहा 26 जनवरी की परेड की तरह यह भी ट्रैक्टरों का अभ्यास मार्च है। सरकार के दिमाग से 26 तारीख ना निकले और ट्रैक्टर दिल्ली तक का रास्ता ना भूल जाए, इसलिए ट्रैक्टर मार्च किया जा रहा है।