- कैंट अफसरों और निर्वाचित बोर्ड सदस्यों में खिंचा पाला
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कैंट के टोल ठेके खासतौर से तीन पाइंटों पर गुरूवार (कल) होने जा रही बोर्ड बैठक में अफसरों व सदस्यों के बीच टकराव के आसार नजर आ रहे हैं। हालांकि जहां तक टकराव या विरोध की बात है तो बोर्ड के कुछ सदस्यों का अंदरखाने साफ्ट कार्नर किसी से छिपा नहीं है।
हालांकि कहा यही जा रहा है कि टोल ठेका नहीं होना चाहिए। किसी दशा में यह जनता के हितों के अनुकूल नहीं है। वहीं दूसरी और कैंट प्रशासन और बोर्ड के मनोनीत फौजी सदस्य चाहते हैं कि हर दशा में टोल का ठेका हो। मामला भारी भरकम रेवेन्यू से जुड़ा हुआ है।
इतनी बड़ी रकम को निर्वाचित सदस्यों के विरोध के नाम पर नहीं छोड़ा जा सकता है। वैसे भी मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि कैंट प्रशासन खुद अपने बूते पर रेवेन्यू जेनरेट करें। हालांकि जानकारों की मानें तो जहां तक ठेकेदार का सवाल है तो ठेके को लेकर फिलहाल किसी प्रकार का खतरा नजर नहीं आ रहा है। लेकिन फिर भी कैंट बोर्ड में भाजपा के विधयक खेमे के सदस्यों ने फिलहाल टोल के विरोध का फैसला किया है।
हालांकि अभी यह तय नहीं कि जिस विरोध की आशंका जतायी जा रही है वो कितना प्रबल होगा। जानकारों की मानें तो यह भी संभव है कि केवल प्रतीकात्मक रूप से ही बोर्ड बैठक में विरोध किया जाए। इससे पहले यह कहा जा रहा था कि निर्वाचित सदस्य बोर्ड की बैठक से टोल के मुददे पर वॉक आउट कर सकते हैं, लेकिन भाजपा के सूत्रों ने इससे इंकार किया है। इस बीच पता चला है कि टोल के ठेके के सदस्यों द्वारा विरोध को देखते हुए अब कैंट बोर्ड के स्टाफ ने भी आस्तीन चढ़ा ली हैं। बोर्ड के स्टाफ का कहना है कि टोल का ठेका उनकी सेलरी से जुड़ा है।
यदि ठेका नहीं छोड़ा गया या किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न पैदा की गई तो उनकी सेलरी पर संकट मंडराने लगेगा। जो आसार बने हुए हैं उसके चलते टकराव तय नजर आ रहा है। यह कहना जल्दबाजी होगा कि यह टकराव कितना बड़ा और दूरगामी परिणाम देने वाला होगा।