- सीईओ ने टोल ठेकेदार के दावे पर बुलायी कैंट बोर्ड की स्पेशल बैठक
- सदस्यों को साध लिया तो ठेका फाइनल अन्यथा स्टाफ करेगा वसूली
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एनएचएआई गाइड लाइन का हवाला देते हुए टोल ठेकेदार ने कैंट बोर्ड से 65 लाख के हर्जाना या फिर 77 दिन के एक्सटेंशन का आग्रह किया है। यदि इनमें से कोई भी बात नहीं मानी जाती तो फिर कैंट बोर्ड को हाईकोर्ट में घसीटा जाएगा। वहीं, दूसरी ओर सीईओ कैंट ने इस मुद्दे पर चर्चा को सोमवार को कैंट बोर्ड की विशेष बैठक बुलायी है।
माना जा रहा है कि यदि ठेकेदार ने सभी सदस्यों को साध लिया तो काम बन गया वर्ना फिर स्टाफ को टोल वसूली में लगाया जाएगा। हालांकि स्टाफ के टोल वसूली कराने की नौबत का सिर्फ एक फीसदी चांस है। उम्मीद है कि बोर्ड के निर्वाचित सदस्यों की मदद से ठेकेदार बैठक की वैतरणी को आराम से पार कर लेंगे। यदि सब कुछ तयशुदा योजना के तहत हुआ तो पूरे 11 प्वाइंटों पर ही ठेकेदार के पक्ष में फैसला आना तय समझा जा रहा है।
सात दिसंबर रात 12 बजे ओवर
सात दिसंबर रात 12 बजे कैंट के टोल ठेके की अवधि पूरी हो जाएगी। उसी के मद्देनजर सोमवार सात दिसंबर को सीईओ ने कैंट बोर्ड की बैठक बुलायी है। बैठक की खबर से सदस्यों के भी चेहरे खिले हैं। इससे पूर्व बैठक को लेकर सीईओ की ओर से पत्ते न खोले जाने पर भारी बेचैनी थी।
सीईओ के दर से लौटे खाली हाथ
इससे पूर्व बोर्ड के कुछ सदस्य तथा कुछ सदस्य पति ठेके को लेकर सीईओ से मुलाकात को गए थे। हालांकि ये बात अलग है कि मुलाकात बैरंग रही। वहां से खाली हाथ लौटना पड़ा। इतना ही नहीं कुछ मुद्दों पर सीईओ की नसीहत और सुननी पड़ गयी। जिसके बाद माहौल में तनाव महसूस किया जा रहा था। कुछ स्टाफ व सदस्य मोर्चा बंदी में भी जुट गए। यहां तक कि एक नक्शा पास को लेकर व्यूह रचना तक कर ली गयी।
खुला है हाईकोर्ट में घसीटने का विकल्प
टोल ठेकेदार ने कैंट प्रशासन को पत्र देकर 77 दिन का एक्सटेंशन या फिर 65 लाख का हर्जाना मांगा है। दरअसल ठेकेदार ने इसके साथ ही सरकार व एनएचएआई की गाइड लाइन का हवाला दिया है। जानकारों का मानना है कि ठेकेदार के इस कानूनी दांव में कैंट प्रशासन फंस गया है। बात न मानने पर ठेकेदार ने हाईकोर्ट में घसीटने का विकल्प खुला रखा है।
टोल पर यथास्थिति के आदेश
हाईकोर्ट ने कैंट के टोल ठेके को लेकर चल रहे विवाद के मद्देनजर यथा स्थिति के आदेश जारी किए हैं। ठेकेदार और कैंट बोर्ड प्रशासन के बीच हुए विवाद के चलते मामला हाईकोर्ट में चला गया था। जिसके बाद निर्णय आने तक हाईकोर्ट ने यथा स्थिति बनाए रखने के आदेश जारी कर दिए हैं। ठेकेदार प्रतिनिधि केपी सिंह ने भी कहा है कि यथास्थिति बनी है। विवाद हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
ये कहना है कैंट प्रशासन का
कैंट प्रशासन का कहना है कि सोमवार सात दिसंबर को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए कैंट बोर्ड की विशेष बैठक बुलायी है। बैठक में बोर्ड जो निर्णय लेगा उसके अनुसार ही काम किया जाएगा। कोर्ट का मामला विधिक विशेषज्ञ देख रहे हैं।
ये कहना है प्रतिनिधि का
टोल ठेकेदार के प्रतिनिधि केपी सिंह का कहना है कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है। जहां तक हर्जाना व एक्सटेंशन की बात है तो एनएचएआई की गाइड लाइन के अनुरूप ही कैंट बोर्ड को पत्र दिया है। कानून के दायरे में रहकर ही अपनी बात कहने का प्रयास है।